1 September 2021

7591 - 7595 ज़िन्दगी साथ ज़ुदा सवाल ज़वाब अफ़्सोस बेवफाई मौत शायरी

 
7591
ना ज़ाने मेरी मौत...
क़ैसी होगी...?
पर ये तो तय हैं क़ी,
तेरी बेवफाईसे तो बेहतर होगी...!!!

7592
थक़ गई मेरी ज़िन्दगीभी,
लोग़ोंक़े ज़वाब देते देते...
अब क़हीं मेरी मौतही लोग़ोंक़ा,
सवाल बन ज़ाएँ.......!

7593
अक़ेला रातभर,
तड़पता मरीज़ै शामे ग़म...
तुम आये, नींद आयी,
चैन आया, मौत आयी...!

7594
हम चाहते थे,
मौतही हमक़ो ज़ुदा क़रे...
अफ़्सोस अपना साथ,
वहाँ तक़ नहीं हुआ.......
वसीम नादिर

7595
वो इतना रोई मेरी मौतपर,
मुझे ज़ग़ानेक़े लिए...
मैं मरता ही क्यूँ अगर वो,
थोडा रो देती मुझे पानेक़े लिए...!

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