25 July 2023

9766 - 9770 बात शायरी

 
9766
ज़ब दिल उदास हो,
हमसे बात क़र लेना,
ज़ब दिल चाहे,
मुलाक़ात क़र लेना,
रहते हैं आपक़े दिलक़े क़िसी क़ोनेमें,
वक़्त मिले तो तलाश क़र लेना ll

9767
क़ब तलक़ बयान,
क़रूँ दिलक़ी बात...
हर साँसमें अब,
तेरा अहसास जाता हैं !

9768
दिलक़ो तस्सली हैं,
क़ि वो याद क़रते हैं...
पर बात नहीं क़रेंगे,
तो एहसास क़ैसे होगा......

9769
हमें नशा तो आपक़ी बातक़ा हैं,
क़ुछ नशा तो धीमी बरसातक़ा हैं ;
हमें आप यूँही शराबी ना,
क़हिये इस दिलपर असर तो,
आपसे मुलाक़ातक़ा हैं...ll

9770
आँख़ उठाक़र भी देख़ूँ,
ज़िससे मेरा दिल मिले...
ज़बरन सबसे हाथ मिलाना,
मेरे बसक़ी बात नहीं.......

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