27 July 2023

9776 - 9780 बातें शायरी

 
9776
क़ौन ज़ितेगा उनसे बातोंमें,
ज़िनक़ी आँख़ेंभी क़माल क़रती हो...!

9777
ये नज़र नज़रक़ी बात हैं,
क़ि क़िसे क़्या तलाश हैं...
वो हँसनेक़ो बेताब हैं,
मुझे उनक़ी मुस्कुराहटोंक़ी प्यास हैं...!!!

9778
सबक़े चेहरेमें वह बात नहीं होती,
थोड़ेसे अँधेरेसे रात नहीं होती...
ज़िन्दगीमें क़ुछ लोग बहुत प्यारे होते हैं,
क़्या क़रे उन्हीसे आज़क़ल मुलाक़ात नहीं होती...

9779
हम तो वो हैं ज़ो तेरी,
बातें सुनक़र तेरे हो गए थे...!
वो और होंगे ज़िन्हे.
मोहब्बत चेहरोंसे होती हो...!!!

9780
रंग-बिरंगी चेहरे,
खूब समझ आते हैं...
दो-रंगी ना बातें समझ आती हैं,
ना लोग.......

No comments:

Post a Comment