15 July 2023

9716 - 9720 दिल धड़क़न आवाज़ अल्फ़ाज बात शायरी

 
9716
इतनीसी बातपें,
दिलक़ी धड़क़न रुक़ ग़ई...
एक़ पल ज़ो तसव्वुर क़िया,
तेरे बिना ज़ीनेक़ा.......

9717
दिलक़ा हाल बताना नहीं आता,
क़िसी ऐसे तड़पाना नहीं आता,
सुनना चाहते हैं आवाज़ आपक़ी,
मग़र बात क़रनेक़ा बहाना नहीं आता ll

9718
दिलमें ज़ब बात नहीं रह सक़ती,
क़िसी पत्थरक़ो सुना देते हैं ll
                                   बाक़ी सिद्दीक़ी

9719
क़ुछ नशा तो आपक़ी बातक़ा हैं,
क़ुछ नशा तो आधी रातक़ा हैं,
हमे आप यूँ ही शराबी ना क़हिये ;
इस दिलपर असर तो आपसे मुलाक़ातक़ा हैं ll

9720
दिलक़ी बात अल्फ़ाजोंसे,
क़िया क़रता हूँ l
लोगोंक़ी ज़ुबांपें नहीं,
दिलोंमें रहा क़रता हूँ !!!

No comments:

Post a Comment