3 April 2019

4071 - 4075 प्यार मोहब्बत नफरत ज़ख़्म ग़म मलाल बेवकूफ शिद्दत शायरी


4071
आप तो नफरत भी ना,
निभा पायेंगे मुझसे...
जितनी शिद्दतसे,
आपका प्यार निभाया हैं मैंने...!

4072
ज़ख़्म दे कर ना पूछा करो,
दर्दकी शिद्दत तुम,
दर्द तो दर्द होता हैं...
थोड़ा क्या और ज्यादा क्या...

4073
रहे कुछ मलाल,
बड़ी शिद्दतसे कीजिये...
नफरत भी कीजिये तो,
ज़रा मोहब्बतसे कीजिये...!

4074
क्यों आज ग़मोंको,
बेवकूफ बनाया जाये...
दर्द कितना भी हो,
शिद्दतसे मुस्कुराया जाये...!

4075
हो शिद्दतसे मोहब्बत,
तो बहाना क्या...
करनी हो अम्ल--मोहब्बत,
तो पास के लौटना क्या...?

4066 - 4070 दिल इश्क बाते कशिश शिद्दत याद महक फिजा मुद्दतें ख्वाब बारिश मौसम शायरी


4066
भिगे भिगे मौसमकी,
भीगी भीगी बाते...
ना तुम सामने आते...
ना दिलसे जाते...!

4067
इस बारिशके मौसममें,
अजीबसी कशिश हैं...
चाहते हुए भी कोई,
शिद्दतसे याद आता हैं...!

4068
मौसम--इश्क हैं,
ये जरा खुश्क हो जायेगा।
उलझिये हमसे जनाब,
नहीं तो इश्क हो जायेगा।।

4069
वो बारिशके मौसममें,
मिट्टीकी जो महक आती हैं...
कुछ यूहीं ये फिजा हो जाती हैं,
जब वो मुस्कुराती हैं.......!

4070
मुद्दतें लगीं बुननेमें,
ख्वाबकी ऊनी;
तैयार हुआ तो,
मौसम बदल चुका था...

1 April 2019

4061 - 4065 दिल जिंदगी पतझड फर्क कुदरत हकीकत नज़र इंसानियात अजब मोहब्बत ऋत मौसम शायरी


4061
पतझड भी हिस्सा हैं,
जिंदगीके मौसमका...
फर्क सिर्फ इतना हैं,
कुदरतमें पत्ते सूखते हैं और...
हकीकतमें रिश्ते

4062
पतझड़में सिर्फ,
पत्ते गिरते हैं l
नज़रोंसे गिरनेका कोई,
मौसम नहीं होता ll

4063
कोई मुझसे पूछ बैठा,
'बदलना' किस को कहते हैं ?
सोचमें पड़ गया हूँ मिसाल किसकी दूँ ?
"मौसम" की "अपनों" की या "इंसानियातकी...

4064
मौसममें अजबसी,
खुमारी हब्बतकी...
ऋत  रही हैं....... छा रही हैं...!
सुना हैं कि मोहब्बतकी...
ऋत रही हैं.......!

4065
मुट्ठीभर बीज बिखेर दो,
दिलोंकी जमीनपर...
बारिशका मौसम हैं,
शायद अपनापन पनप जाए...!

31 March 2019

4056 - 4060 याद बरसात बूंद तस्वीर नज़र पलकें ख़याल मंज़र फिज़ाएँ बारिश डर कसम मौसम शायरी


4056
" जाने क्यू अभी आपकी याद गयी,
मौसम क्या बदला बरसात भी गयी;
मैने छुकर देखा बूंदोंको तो,
हर बूंदमें आपकी तस्वीर नज़र गयी...! "

4057
पलकें भिगोने लगता हैं मेरी,
अब भी तेरा ख़याल...
मेरी यादोंके शहरसे,
तेरा मौसम गया ही नहीं...!

4058
मंज़र भी बेनूर थे और...
फिज़ाएँ भी बेरंग थी,
बस तुम याद आए और...
मौसम सुहाना हो गया.......!

4059
खुद भी रोता हैं,
मुझे भी रुलाके जाता हैं;
ये बारिशका मौसम,
उसकी याद दिलाके जाता हैं

4060
मौसमको मौसमकी बहारौंने लुटा,
हमे कसतीने नहीं किनारोंने लुटा...
आप तो डर गई मेरी एक ही कसमसे,
आपकी कसम देकर तो हमे हजारौने लुटा...!

30 March 2019

4051 - 4055 मिजाज मुस्कुरा यादें तूफ़ान कर्ज हैरान रफ़्तार सजा वक़्त महक मौसम शायरी


4051
मौसम मिजाजको,
गुलज़ार कर दो...
तुम मुस्कुराकर ही,
हमें कर्जदार कर दो.......!

4052
नहीं कोई जानकारी,
मेरे पास... मौसमकी,
बस इतना जानता हुँ...
तेरी यादें तूफ़ान लाती हैं.......!

4053
माना मौसम भी बदलते हैं,
मगर धीरे-धीरे...
तेरे बदलनेकी रफ़्तारसे तो,
हवाएं भी हैरान हैं.......!

4054
सजा हैं मौसम,
तुम्हारी महकसे आज फिर;
लगता हैं हवायें तुम्हें,
छूकर आयी हैं...!

4055
दिन छोटे और,
रातें लंबी हो चली हैं...
मौसमने यादोंका,
वक़्त बढ़ा दिया.......!

26 March 2019

4046 - 4050 वक़्त बिखर तकलीफ चाह खामोशी जख्म उदासी मुस्कुरा तकलीफ शायरी


4046
जो तुम बोलो बिखर जाएँ,
जो तुम चाहो संवर जायें...
मगर यूँ टूटना जुड़ना,
बहुत तकलीफ देता हैं...

4047
मुझे वक़्त गुजारनेक़े लिए,
मत चाहा कर...
मैं भी इन्सान हूँ,
मुझे भी बिखरनेसे...
तकलीफ होती हैं...

4048
बहुत तकलीफ देती हैं ना,
मेरी बातें तुम्हें...
देख लेना एक दिन,
मेरी खामोशी तुम्हें रुला देगी...।

4049
तुझसे अच्छे तो,
जख्म हैं मेरे...
उतनी ही तकलीफ देते हैं,
जितनी बर्दास्तकर सकूँ...!

4050
चेहरेपर उदासी,
ना ओढिये साहब;
वक़्त ज़रूर तकलीफका हैं,
लेकिन कटेगा मुस्कुरानेसे ही।

25 March 2019

4041 - 4045 उम्मीद इंसानियत याद किस्सा साथ तस्वीर हौसले जहर तकलीफ शायरी


4041
तू गिरा,  तेरी उम्मीदोके मिनार गिरे,
पर लोग तुझे गिरानेमें कई बार गिरे;
सवाल जहरका नही था, वो तो तू पी गया,
तकलीफ लोगोंको तब हुई, जब तू जी गया...!

4042
वो बुलंदियाँ भी किस कामकी जनाब,
की...
इंसान चढ़े और इंसानियत गिर जायें.......

4043
याद करके मुझे,
तकलीफ ही होती होगी...
एक किस्सा हूँ पुराना सा,
भुला दे मुझको...

4044
अपने वह नहीं होते,
जो तस्वीरमें साथ खड़े हो;
अपने वह होते हैं,
जो तकलीफमें साथ खड़े हो...!

4045
ये हौसले भी,
किसी हकीमसे कम नहीं होते हैं...
हर तकलीफको ताक़द बना देते हैं...!

4036 - 4040 मोहब्बत ज़िन्दगी लम्हा बातें याद रिवाज़ फिक्र एहसास रिश्ते प्यार तकलीफ शायरी


4036
बडा तकलीफ देता हैं,
वो लम्हा ज़िन्दगीका;
जब हम चाहकर भी,
किसीके नहीं हो सकते...!

4037
वो लम्हा मेरी ज़िन्दगीका,
बड़ा अनमोल होता हैं...
जब तेरी बातें तेरी यादें,
तेरा माहौल होता हैं.......

4038
सुबहका प्रणाम सिर्फ रिवाज़ही नही,
बल्कि आपकी फिक्रका एहसास भी हैं...
रिश्ते ज़िन्दा रहे और,
यादें भी बनी रहे.......!

4039
हर पलमें प्यार हैं,
हर लम्हेमें खुशी हैं;
खो दो तो यादें हैं,
और जी लो तो ज़िन्दगी हैं....!

4040
मोहब्बत एक खेल था ताशका,
वो बाजी मार गये...!
हम बादशाह होकर भी,
एक बेगमसे हार गये.......!

23 March 2019

4031 - 4035 शिद्दत याद अकेला इंतजार तलब आँख वक़्त लम्हा शायरी


4031
अच्छा-बुरा जैसा भी हूँ,
शिद्दतसे जी लेना मुझे...
बस एक लम्हा ही तो हूँ,
चुपकेसे गुजर जाऊँगा...!

4032
याद आऊं तो चले आना,
लम्हा आज भी वहीं थमा हैं...l
जिस मोड़पर तुमने,
मुझे अकेला कर दिया था...ll

4033
कई शाम गुजर गई,
कई राते गुजर गई...!
ना गुजरा तो सिर्फ एक लम्हा,
वो तेरे इंतजारका.......!

4034
तलब हैं या जुनूँ,
मेरी आँखोंका...?
हर लम्हा मुझमें,
तू पिघलासा क्यूँ हैं ?

4035
जी लो हर लम्हा,
बीत जानेसे पहले...
लौटकर यादें आती हैं,
वक़्त नहीं.......