4071
आप तो नफरत
भी ना,
निभा पायेंगे मुझसे...
जितनी शिद्दतसे,
आपका प्यार निभाया हैं
मैंने...!
4072
ज़ख़्म दे कर
ना पूछा करो,
दर्दकी शिद्दत तुम,
दर्द तो दर्द होता
हैं...
थोड़ा क्या
और ज्यादा क्या...
4073
रहे न कुछ
मलाल,
बड़ी शिद्दतसे कीजिये...
नफरत भी कीजिये
तो,
ज़रा मोहब्बतसे कीजिये...!
4074
क्यों न आज
ग़मोंको,
बेवकूफ बनाया जाये...
दर्द कितना भी हो,
शिद्दतसे मुस्कुराया
जाये...!
4075
हो शिद्दतसे मोहब्बत,
तो बहाना क्या...
करनी हो अम्ल-ए-मोहब्बत,
तो
पास आके
लौटना क्या...?
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