23 April 2019

4171 - 4175 प्यार वक्त हालात जज्बात महसूस बात राज कफ़न उम्र अहमियत लिबास हैसियत शायरी


4171
बदल जाऊँ तो मेरा नाम 'वक्त' रखना,
थम जाऊँ तो 'हालात',
छलक जाऊँ तो मुझे 'जज्बात' कहना,
महसूस हो जाऊँ तो 'प्यार' समझना !!!

4172
हम जिसे छिपाते फिरते हैं उम्रभर,
वही बात बोल देती हैं...
शायरी भी क्या गजब होती हैं,
हर राज खोल देती हैं.......

4173
अहमियत यहाँ,
हैसियतको मिलती हैं l
हम हैं की,
जज्बात लिए फिरते हैं ll

4174
"लिबास तय करता हैं,
बशरकी हैसियत;
कफ़न ओढ़ लो तो दुनिया,
कांधेपे उठाती हैं "

4175
लिबाससे मत तय करो,
तुम मेरी हैसियत...
अभी कफ़न ओढ़ लूंगा तो,
कंधेपर उठाए फिरोगे...!

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