5 April 2019

4081 - 4085 ज़िन्दगी आसान मज़बूत बेशक कुबूल कोशिश बेहतर वक़्त गुनाह माफ़ी शायरी


4081
कुछ इस तरह मैंने,
अपनी ज़िन्दगीको आसान कर दिया...
किसीसे माफ़ी मांग ली और,
किसीको माफ़ कर दिया.......!

4082
माफ़ी वही दे सकता हैं,
जो अंदरसे मज़बूत हो;
खोखले इंसान सिर्फ बदलेकी आगमें,
जलते रहते हैं...

4083
छलमें बेशक बल हैं,
माफ़ी आज भी हल हैं.......!

4084
जब भी जिंदगी रुलाये,
समझना गुनाह माफ़ हो गये...
और जब भी जिंदगी हँसाये,
समझना दुआ कुबूल हो गयी...!

4085
तुझको बेहतर बनानेकी कोशिशमें,
तुझे वक़्त ही नहीं दे पा रहे हम;
माफ़ करना ज़िंदगी,
तुझे जी नहीं पा रहे हम.......!

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