13 June 2019

4351 - 4355 इजहार इश्क़ याद ज़िन्दगी कारवाँ वक़्त लम्हा महफ़िल क़ातिल ख्वाहिश हसरत शायरी


4351
कभी मुझे वक़्त नहीं मिलता,
कभी तुझे फ़ुरसत नहीं होती;
पर ऐसा कोई लम्हा नहीं,
जिसमें आपकी हसरत नहीं होती...!

4352
मुझे भी शामिल करो,
गुनहगारोंकी महफ़िलमें...
मैं भी क़ातिल हूँ अपनी हसरतोंका,
मैने भी अपनी ख्वाहिशोंको मारा हैं...

4353
कारवाँ - -ज़िन्दगी
हसरतोके सिवा कुछ भी नहीं,
ये किया नहीं, वो हुआ नहीं,
ये मिला नहीं, वो रहा नहीं...!

4354
लाओ, पोंछ दू तुम्हारे माथेका पसीना, 
अज़ीज़ हसरतों.......
तुम भी थक गयी होगी, 
मेरी ज़िन्दगीका गला घोटते घोटते.......

4355
हसरतोंसे भरी ज़िन्दगी,
तुझे खुदा हाफिज...!
इजहार -- इश्क़की यादें,
तुझे सलाम ...!

12 June 2019

4346 - 4350 आरजू तारा जरुरत आँख ख्वाब तमाम ख्वाहिश हसरत शायरी


4346
मेरी आरजू हमेशा यहीं होती हैं,
के तू मुझे समझे...
लोग वाह वाह करे,
ये हसरत नहीं हैं.......!

4347
आज फिर एक हसरत लेकर,
हम छतपर आये हैं...
कोई टूटता तारा दिखे,
और हम तुझे मांग ले...!

4348
वो मेरी हसरत थी,
मैं उसकी जरुरत था;
फिर क्या था,
जरुरत पूरी हो गई,
हसरत अधूरी रह गई...

4349
कुछ ख्वाहिशें, कुछ हसरतें,
अभी बाकी हैं...
टूटकर भी लगता हैं...
टूटना अभी बाकी हैं.......

4350
आँख खुली तो,
जाग उठी हसरतें तमाम;
उसको भी खो दिया,
जिसको पाया था ख्वाबमें...

4341 - 4345 मोहब्बत जरुरत नज़र याद ख़्वाब आँख नींद इन्तजार गुनाह ख्वाहिश हसरत शायरी


4341
नहीं मालूम हसरत हैं,
या तू मेरी मोहब्बत हैं...
बस इतना जानता हूँ कि,
मुझको तेरी जरूरत हैं.......

4342
मैं आपकी नज़रोंसे,
नज़र चुरा लेना चाहता हूँ...
देखनेकी हसरत हैं,
बस देखते रहना चाहता हूँ.......

4343
मुझे मालूम हैं,
ऐसा कभी मुमकिन ही नहीं...
फ़िरभी हसरत रहती हैं,
कि तुम याद करोगी.......

4344
तुझे छूनेकी हसरत,
ना जाने क्या ख़्वाब दिखा जाती हैं...
आँखोंमें इन्तजार और,
रातोकी नींद उड़ा जाती हैं.......

4345
हसरत पूरी ना हों,
तो ना सही...
ख्वाहिश करना,
कोई गुनाह तो नहीं...!

11 June 2019

4336 - 4340 जिंदगी याद वक़्त सिललिसा फैसला मोहताज इबादत खयालात खुशी लम्हे शायरी


4336
कुछ लम्हे गुजारे हैं,
मैने भी अपने खास दोस्तो संग;
लोग उन्हें वक़्त कहते हैं ओर,
हम उन्हे जिंदगी कहते हैं...

4337
किसीने क्या खूब लिखा हैं...!
कल हम होंगे गिला होगा।
सिर्फ सिमटी हुई यादोंका सिललिसा होगा।
जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें।
जाने कल जिंदगीका क्या फैसला होगा।

4338
कितने भी समेट लो लम्हे,
हाथोंसे फिसलते ज़रूर हैं...
ये वक़्तके मोहताज हैं साहब,
बदलता ज़रूर हैं.......!

4339
जुबानी इबादत ही काफी नहीं...
खुदा सुन रहा हैं,
लम्हे खयालातके भी...!

4340
कल खुशीके कुछ लम्हे मिले थे,
जल्दीमें थे...
रूके भी हीं.......

9 June 2019

4331 - 4335 बात फूरस्त ख़्वाहिश बदमाश मसरूफ शामिल फुरसत आलम क़रीब लम्हे शायरी


4331
ये जो चंन्द फूरस्तके लम्हे,
मिलते हैं जीनेके...
मैं उन्हें भी,
तुम्हे सोचते हुए ही खर्च कर देता हूँ...!

4332
कुछ लम्हे...
तुझसे बात करनेकी हसरत हैं बस;
मैने कब कहां,
अपना सारा वक़्त मुझे दे दो.......

4333
तलब ये नहीं कि,
किसी औरकी यादोंका...
हिस्सा हो जाऊँ !
ख़्वाहिश हैं, लम्हे भरके लिए ही हीं,
तेरे सबसे क़रीब हो जाऊँ.......!

4334
ये लम्हे बहुत बदमाश हैं,
जो तुम्हारे साथ गुज़ारूँ तो...
झटसे गुज़र जाते हैं;
और जब तुम नहीं होते तो...
मानो ठहरसे जाते हैं.......!

4335
"मेरी मसरूफियतके हर लम्हेमें,
शामिल हैं, तुम्हारी यादें...
सोचो....... मेरी फुरसतोंका,
आलम क्या होगा.......!"

8 June 2019

4326 - 4330 ज़िंदगी दुनिया होंठ मुस्कुरा निशानी हिफाजत मासूम चेहरा यार उम्र उदास शायरी


4326
निशानी क्या बताऊँ,
तूझे अपनें घरकी...
जहाँकी गलियाँ उदास लगे,
वहीं चले आना.......

4327
मुस्कुराहट जुदा करना,
मेरे यारके होठोंसे...
मासूमसा चेहरा हैं,
उदास हो तो अच्छा नहीं लगता...

4328
उनके हर एक लम्हेकी,
हिफाजत करना,  खुदा...
मासूमसा चेहरा हैं,
उदास अच्छा हीं लगता.......

4329
बताँऊ तुम्हें एक निशानी,
उदास लोगोंकी.......
कभी गौर करना,
यें हसते बहुत हैं.......

4330
उदास होनेके लिए,
उम्र पड़ी हैं;
नज़र उठाओ,
सामने ज़िंदगी खड़ी हैं;
अपनी हँसीको,
होंठोंसे जाने देना;
क्योंकि आपकी मुस्कुराहटके पीछे,
दुनिया पड़ी हैं.......!

4321 - 4325 खुशी गम अवसर मुस्कुरा याद शख्स दर्द साज आवाज बहाने उदास शायरी


4321
क्यों खुशीसे,
जीनेके बहाने ढूँढें...
गम तो किसी भी बहाने,
मिल जाता हैं...

4322
बिखरनेके बहाने तो,
बहुत मिल जायेगे;
आओ हम जुड़नेके,
अवसर खोजे.......!

4323
बहाने उदास होनेके,
बहुत मिलेंगे...
कभी मुस्कुराना हो तो,
हमे याद कर लेना...!

4324
कितना कुछ जानता होगा,
वो शख्स मेरे बारेमें...
मेरे मुस्कुरानेपर भी जिसने,
पूछ लिया की तुम उदास क्यों हो...

4325
गम हूँ, दर्द हूँ, साज हूँ,
या आवाज हूँ...
जो भी हूँ बस,
मैं तुम बिन बहुत उदास हूँ...

6 June 2019

4316 - 4320 दुनियाँ बात ग़ज़ल इश्क़ मोहब्बत याद आँख रिश्ता लफ्ज जख्म मरहम बहाने उदास शायरी


4316
मैं खो जाऊँगा,
अपनी दुनियाँमें इस कदर...
तुम ढ़ूंढोगे बहाने,
मुझसे बात करनेके...!

4317
ये ग़ज़ल... इश्क़..... मोहब्बत.......
और शायरी अपनी.......!
ये सब बहाने हैं,
तुझको याद करनेके...!!!

4318
यूँ ही गुजर जाती हैं,
शाम अंजुमनमें;
कुछ तेरी आँखोंके बहाने,
कुछ तेरी बातोके बहाने...!

4319
मुझको ढूँढ लेती हैं,
रोज़ नये बहानेसे...
तेरी याद वाक़िफ़ हो गई हैं,
मेरे हर ठिकानेसे.......!

4320
रिश्तोके लफ्ज भी,
बड़े बेईमान होते हैं...
मरहम देनेके बहाने आते हैं,
और जख्म देके चले जाते हैं...