4351
कभी मुझे वक़्त
नहीं मिलता,
कभी तुझे फ़ुरसत
नहीं होती;
पर ऐसा कोई
लम्हा नहीं,
जिसमें आपकी हसरत
नहीं होती...!
4352
मुझे भी शामिल करो,
गुनहगारोंकी महफ़िलमें...
मैं भी क़ातिल हूँ अपनी हसरतोंका,
मैने भी अपनी ख्वाहिशोंको मारा हैं...
4353
कारवाँ -ए -ज़िन्दगी
हसरतोके
सिवा कुछ
भी नहीं,
ये किया नहीं, वो हुआ
नहीं,
ये
मिला नहीं, वो रहा
नहीं...!
4354
लाओ, पोंछ दू तुम्हारे माथेका पसीना,
ऐ अज़ीज़ हसरतों.......
तुम भी थक गयी होगी,
मेरी ज़िन्दगीका गला घोटते घोटते.......
4355
हसरतोंसे भरी
ज़िन्दगी,
तुझे
खुदा हाफिज...!
इजहार -ए- इश्क़की यादें,
तुझे
सलाम ...!