17 July 2019

4501 - 4505 प्यार वक्त रिश्ते जुदाई उम्मीद फर्क तक़दीर लकीर ऐतबार इनकार किस्मत शायरी


4501
किस्मतपर ऐतबार किसको हैं,
मिल जाये ख़ुशी तो इनकार किसको हैं...!

4502
वक्त बड़ा अज़ीब होता हैं,
इसके साथ चलो तो...
किस्मत बदल देता हैं !
और चलो तो...
किस्मतको ही बदल देता हैं !!!

4503
फर्क होता हैं खुदा और फ़क़ीरमें,
फर्क होता हैं किस्मत और लकीरमें 
अगर कुछ चाहो और मिले तो समझ लेना,
कि कुछ और अच्छा लिखा हैं तक़दीरमें 

4504
बंद किस्मतके लिये कोई ताली नहीं होती ।
सुखी उम्मीदोंकी कोई डाली नहीं होती ।
जो झूक जाए माँ -बापके चरणोंमें 
उसकी झोली कभी खाली नहीं होती...

4505
प्यार करने वालोंकी किस्मत बुरी होती हैं,
हर मिलन जुदाईसे होती हैं;
रिश्तेको कभी परखकर देखना,
यारी हर रिश्तेसे बड़ी होती हैं !

4496 - 4500 शिकायत लफ्ज याद ज़ुल्फ़ मुश्किल फैसले किस्मत शायरी


4496
मान लेते हैं कि,
किस्मतमें लिखे फैसले...
बदला नहीं करते,
लेकिन,
आप फैसले तो लीजिये,
क्या पता,
किस्मत ही बदल जाए...

4497
मैं शिकायत क्यूँ करू,
 ये तो किस्मत की बात हैं...
तेरी सोचमे भी नही मैं,
मुझे लफ्ज लफ्ज तू याद हैं...

4498
तेरी ज़ुल्फ़ क्या संवारी,
मेरी किस्मत निखर गयी...
उलझने तमाम मेरी,
 दो लटमें संवर गयी.......!

4499
बड़ा मुश्किल काम दे दिया,
किस्मतने मुझको 
कहती हैं तुम तो सबके हो गए,
अब ढूंढो उनको जो तुम्हारे हैं

4500
बहुत अकेला कर दिया हैं,
मेरे अपनोने मुझे...
समझ नहीं आता कि मैं,
बुरा हूँ या मेरी किस्मत...

16 July 2019

4491 - 4495 याद उम्र लाजबाव ख्वाहिशें चाहत आज़ाद जख्म जिंदगी बात सफर शायरी


4491
तेरी गलीका वो पहला सफर,
आज भी याद हैं मुझे...
मैं कोई खोजकर्ता नही था,
पर मेरी खोज लाजबाव थी...!

4492
"उम्र बिना रुके,
सफर कर रही हैं;
और हम ख्वाहिशें लेकर,
वहीं खड़े हैं..."

4493
आज तक उस थकानसे,
दुख रहा हैं बदन...
एक सफर किया था,
मैने ख्वाहिशोंके साथ...

4494
अजीब सफर हैं,
तेरी चाहतका...
तू साथ भी नहीं और,
हम आज़ाद भी नहीं...!

4495
जख्म कहां कहांसे मिले हैं...
छोड़ इन बातोको,
जिंदगी तु तो ये बता,
सफर कितना बाकी हैं.......!

14 July 2019

4486 - 4490 तजुर्बे उम्र अदा गुनाह मंजिल ‪‎अफसोस बात महसुस ख्वाब किस्मत तमन्ना शायरीहैं


4486
खुदा जाने कौनसा गुनाह,
कर बैठे हैं हम कि...
तमन्नाओ वाली उम्रमें,
तजुर्बे मिल रहे हैं.......

4487
तमन्ना तो हर एक,
पंखुडीको सजाके रखनेकी थी...
पर अफसोस की तुमने,
कोई फूलदिया ही नहीं.......

4488
सोचनेसे कहाँ मिलते हैं,
'तमन्नाओं के शहर'...
'चलनेकी जिद' भी जरुरी हैं,
मंजिलोंके लिए.......!

4489
"मेरी हर एक अदामें छुपी थी मेरी तमन्ना,
तुमने महसुस ना की ये और बात हैं;
मैने हरदम तेरे ही ख्वाब देखें,
मुझे ताबीर ना मिली ये और बात हैं;
मैने जब भी तुझसे बात करनी चाही,
मुझे अलफाज़ ना मिले ये और बात हैं;
कुदरतने लिखा था मुझको तेरी तमन्नामें,
मेरी किस्मतमें तु ना थी ये और बात हैं...”

4490
ये रुखसार पीलेसे लगते हैं ना,
उदासीकी हल्दी हैं हट जाएगी...
तमन्नाकी लालीको पकने तो दो,
ये पतझड़की छाँव छंट जाएगी...!
                                          गुलजार

4481 - 4485 जिंदगी खुशियाँ मुद्दत चाँद सजदा तलब धड़कन इरादा तमन्ना शायरी


4481
जिसमें तू नहीं, वो तमन्ना अधूरी हैं,
तू जो मिल जाएं, तो जिंदगी पूरी हैं...
तेरे साथ जुड़ी हैं खुशियाँ,
बाकी सबके साथ हंसना तो मजबूरी हैं...

4482
एक मुद्दतसे हम हैं,
उसकी तमन्नामें बेताब...
वो चाँद जो आँगनमें.....
उतरता ही नही हैं.......

4483
तुझे पानेकी तमन्ना हैं,
बस और कुछ नहीं चाहिए...
बता कहाँ कहाँ सजदा करूँ की,
तु मिल जाए मुझे.......!

4484
तलब ये हैं कि,
मैं सर रखूँ तेरे सीनेपे...
और तमन्ना ये कि,
मेरा नाम पुकारे धड़कनें तेरी...!

4485
तमन्ना छोड़ देते हैं,
इरादा छोड़ देते हैं।
चलो एक दूसरेको फिरसे,
आधा छोड़ देते हैं...।।

13 July 2019

4476 - 4480 दिल मुहोब्बत रिश्ते जिंदगी कबूल ख्वाहिश मुश्किल अंदाज शख्स दर्द शायरी


4476
रिश्ते तो बहुत होते हैं,
पर जो दर्द बांटने लगे...
लगे हीं रिश्ता हैं.......!

4477
मैने कभी दर्दकी नुमाइश नहीं की,
जिंदगीसे जो मिला कबूल किया 
किसी चीजकी फरमाइश नहीं की,
मुश्किल हैं समझ पाना मुझे क्योंकि 
जीनेके अलग हैं अंदाज मेरे,
जब जहां जो मिला अपना लिया,
ना मिला उसकी ख्वाहिश नहीं की ।

4478
हर शख्स परिन्दोंका,
हमदर्द नही होता दोस्तो;
बहुत बेदर्द बैठे हैं दुनियामे,
जाल बिछाने वाले...!

4479
कौन कहता हैं,
दर्दके लिये सिर्फ मुहोब्बत जिम्मेदार होती हैं...
कम्बख्त दोस्ती भी बहुत दर्द देती हैं,
अगर दिलसे हो जाये तों.......!

4480
एक हदके बाद,
दर्द भी दवा बन जाता हैं;
एक हदके बाद,
झूठ भी सच बन जाता हैं;
यही हैं असलियत जिंदगीकी,
एक हदके बाद,
दुश्मन भी दोस्त बन जाता हैं...!

10 July 2019

4471 - 4475 दिल आह इंसान दौलत लाजवाब जिंदगी रोशनी गुजारिश रोशनी दर्द शायरी


4471
सोचता था दर्दकी दौलतसे,
एक मैं ही मालामाल हूँ...!
देखा जो ग़ौरसे तो...
हर कोई रईस निकला.......!!!

4472
देखकर दर्द किसीका,
जो आह दिलसे निकल जाती हैं;
बस इतनीसी बात आदमीको,
इंसान बना जाती हैं.......!

4473
हर दिलके कुछ,
अपने दर्द होते हैं...
कुछके फ़ीके,
कुछके लाजवाब होते हैं...!

4474
दर्दसे दोस्ती हो गई यारो,
जिंदगी बेदर्द हो गई यारो 
क्या हुआ, जो जल गया आशियाना हमारा,
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो 

4475
लोग चुराने लगे हैं मेरी शायरी...
गुजारिश हैं,
कभी दर्द भी चुरा लो.......

9 July 2019

4466 - 4470 इश्क़ मुहोब्बत कर्ज रफू गलतियाँ माफ़ी गम साथ दवाई यार दर्द शायरी


4466
-वसीयतें-इश्क़,
हम ही पर कर्ज क्यों...?
वो भी दर्द--किश्त अदा करे,
मुहोब्बत उसे भी तो थी.......!

4467
दर्दको रफू करना तो,
सीख गए थे...
बस अब धागे ही,
खतम हो गए.......

4468
वो गलतियाँ तब,
सबसे ज्यादा दर्द देती हैं...
जब उनकी माफ़ी मांगनेका समय,
निकल जाता हैं.......

4469
गमकी परछाईयाँ,
यारकी रुसवाईयाँ;
वाह रे इश्क़...
तेरा ही दर्द और...
तेरी ही दवाईयाँ.......!

4470
दर्द बनकर ही,
रह जाओ हमारे साथ...
सुना हैं दर्द बहुत देरतक,
साथ रहता हैं.......!

6 July 2019

4461 - 4465 इश्क़ मुहोब्बत बर्बाद खयाल याद कसक करार दवा हद सुकून दर्द शायरी


4461
मुहोब्बतमें हुए बर्बाद शायरोंमें,
मेरा नाम आया;
उन्होंने दिया हुआ दर्द देखे,
मेरे कितना काम आया...!

4462
तुम्हारे पैरोमें,
दर्द नहीं होता क्या...
सारा दिन मेरे खयालोंमें,
घूमती रहती हो.......!

4463
दर्द मीठा हो तो,
रूक रूकके कसक होती हैं...
याद गहरी हो तो,
थम थमके करार आता हैं...!

4464
इशरत--क़तरा हैं,
दरियामें फ़ना हो जाना...
दर्दका हदसे गुज़रना हैं,
दवा हो जाना.......!

4465
मुहोब्बत कभी खत्म नहीं होती,
सिर्फ बढ़ती हैं;
या तो सुकून बनकर,
या दर्द बनकर.......!

4 July 2019

4456 - 4460 फूल काँटे आँख सनम आँसु साथ ख़ुशी दर्द शायरी


4456
हमने काँटोको भी,
नरमीसे छुआ हैं अक्सर...
लोग बेदर्द हैं,
फूलोको मसल देते हैं...

4457
आँखोंसे छलकते हैं,
कागजपर उतरते हैं...
कुछ दर्द ऐसे भी होते हैं,
जो बस भीतर ही पलते हैं...

4458
तुम दर्द देकर भी,
कितने अच्छे लगते हो सनम...
ख़ुदा जाने तुम हमदर्द होते,
तो क्या होता.......!

4459
थोड़ा तो आँसुओंके साथ,
बाहर निकल दर्द...
इतना भी क्यूँ...
जिद्दी बना बैठा हैं सीनेमें...

4460
दर्द ही हैं,
जो जिन्दा रखे हुए हैं वरना...
ख़ुशीके मारे तो...
लोग अक्सर मर जाया करते हैं...!