6 August 2016

476 मोहब्बत लौट रात जाग नींद शायरी


476

Nind, Sleep

अगर नींद जाये तो,
सो भी लिया करो...
रातोंको जागनेसे,
मोहब्बत लौटा नहीं करती।

If Feeling Sleepy
Go to Sleep,
Keeping awake throughout the Night
Love doesn't Returns.

5 August 2016

475 चहेरे मुश्कुराहट खुशी पीछे छुपे हजार गम मुकद्दर सिला खुशनसीब शायरी


475

Khushnasib, Lucky

अपने मुकद्दरका ये सिला भी क्या कम हैं...
एक खुशीके पीछे छुपे हजारो गम हैं...
चहेरेपें लिये फिरते हैं मुश्कुराहट फिर भी
और लोग कहते हैं, कितने खुशनसीब हम हैं…

The Series of my Luck is so Endlessly...
Thousands of Pains are hidden behind Happiness...
Still I roam wearing Mask of Smiling on the Face...
And people say, How Lucky I am...

474 मोहब्बत हाल देख शख्स जिंदा शर्मिदा शायरी


474

Sharminda, Guilty

मेरा हाल देखकर मोहब्बत भी,
शर्मिदा हैं.....
कि ये शख्स सबकुछ हार गया मगर,
फिर भी जिंदा हैं...!

By watching my Situation,
Love is also Guilty.....
This person Lost everything,
Though Alive...!

473 अनदेखे धागे बंध साथ आजाद शायरी


473

Aazad, Sovereign

अनदेखे धागेमें बं गया कोई...
कि वो साथ भी नहीं और
हम आजाद भी नहीं।

Someone is Tied up with Invisible Thread...
That She is neither with me,
Nor I am Sovereign.

472 नींद नीलाम भुला आसान बाजार इश्क़ शायरी


472

Bazar - e - Ishk, Affairs of Love

नींद भी नीलाम हो जाती हैं,
बाजारइश्क़में...
इतना आसान नहीं होता,
किसीको भुलाकर सो जाना...

The Sleep to be on Auction,
In the Affairs of Love...
Its not so Easy,
To go to sleep, forgetting one...


471 प्यार दीवानगी सज़ा इंतज़ार दर्द लोग आँसू निशानी शायरी


471

Nishani, Manifestation

इस बहते दर्दको मत रोको,
ये तो सज़ा हैं किसीके इंतज़ारकी;
लोग इन्हे आँसू कहें या दीवानगी,
पर ये तो निशानी हैं किसीके प्यारकी

Do not stop this Living Pain,
This the Punishment of Anticipation for One;
May people call it Tears or Obsession,
Though the Manifestation of  In Love...

4 August 2016

470 याँद बंद लौट आखिर थक हार बाज़ार ताले शायरी


470

Tale, Locks

आखिर थक हारके,
लौट आये हम बाज़ारसे...
याँदोंको बंद करनेके ताले,
कहीं मिले नहीं......

Finally I returned back,
From Market, Tired and Lost...
Lock was not available,
To close the Memories......

469 मोहब्बत नजर चुरा दिल दोस्ती बाद मिलने सीने फर्क शायरी


469

Fark, Difference

क्या फर्क हैं ?
दोस्ती और मोहब्बतमें !
रहते तो दोनो दिलमें ही हैं !
लेकिन... फर्क बस इतना हैं...
बरसो बाद... मिलनेपर....
मोहब्बत नजर चुरा लेती हैं...
और दोस्त सीनेसे लगा लेते हैं...

What is the Difference?
... Between Friendship and Love !
... Resides both in the same Heart !
Though,.... The Difference is that...
When meeting.... after Years....
Love steals the sight...
And Friend Embraces with Heart...

468 यकीं अंधेरें दोस्त साया शायरी


468

Saya, Shadow

अपने सायेंसे भी ज्यादा यकीं,
मुझे तुझपर हैं मेरे दोस्त...
क्युँकी अंधेरेंमें तू मिल जायेगा,
साया नहीं...

I believe in you my Friend,
More than my Shadow...
Because you will be Available,
In Darkness, Not Shadow....

467 मोहब्बत नाजुक कमबख्त चाह तोड़ पत्थरदिल शायरी


467

Patthar Dil, Stone-Heart

ना कहो पत्थरदिल मुझे,
मेरे चाहनेवालों...
नाजुक थी मेरी मोहब्बत,
कमबख्त उसे भी तोड़कर गयी...!

Don't call me Stone-Heart,
Oh my Fans...
My Love was Fragile,
Damned, Broke me away...!


466 आँख आँसु बेवफा शायरी


466

Bewafa, Dishonest

होता तो हैं...
अपनी आँखका आँसु भी बेवफा...
निकलता भी हैं तो,
किसी औरके लिए !

Becomes Dishonest...
Tears of our Eyes even...
Flows out though,
For Somebody Else !

3 August 2016

465 दिल फिक्र ईमानदारी शायरी


465

Imandari, Honesty

देख ली तेरी ईमानदारी दिल,
तू मेरा और फिक्र किसी औरकी…?

Learned your Honesty Oh my Heart,
You are mine and Possesses worries of
Someone  else's ...?

464 खुशबू सजा फूल आदत बेबस शायरी


464

Bebas, Unassisted

हम तो फूलोंकी तरह,
अपनी आदतसे बेबस हैं...
तोडनेवालेको भी,
खुशबूकी सजा देते हैं...!!!

I am Like Flowers,
With the Habit of Unassisted...
I Punish those with the Fragrance,
Who notches me...!!!

463 जिन्दगी भरोसा बताया कहना नजदीकीयाँ शायरी


463

Najdikiyan, In Touch

रखा करो नजदीकीयाँ,
जिन्दगीका कुछ भरोसा नहीं...
फिर कहना चले भी गये,
और बताया भी नहीं...

Keep in Touch,
Life is Unpredictable ...
You should not say that i Left,
And not even Bothered to Tell...

461 ज़िंदगी मंज़िल डर रास्ते टूट भूल परेशानि ज़रूरत शायरी


461
Jarurat, Need

मंज़िलोसे अपनी डर ना जाना,
रास्तेकी परेशानियोंसे टूट ना जाना,
जब भी ज़रूरत हो ज़िंदगीमें किसी अपनेकी,
हम आपके अपने हैं ये भूल ना जाना...

Do not get afraid of your Destinations,
Do not break with the problems in the Path,
Whenever you are in Need of our Owns,
Do not forget that We are Yours...

462 ज़िन्दगी साँस बदल यकीन शायरी


462

Yakin, Belief

तुम्हारे बदल जानेपर,
मुझे आज भी यकीन नहीं आता,
ज़िन्दगी साँस लेनेको मना कर दे,
यह कौन मानेगा......

I could not Believe today even,
That You are Changed,
Its As Good As not Believing,
If Life refuses to Breath......

2 August 2016

460 बात शख्स अफसाने सामने देख लोग बुरा दुनियाँ शायरी


460

Duniya, World

क्या बात करे इस दुनियाँकी...
हर शख्सके अपने अफसाने हैं,
जो सामने हैं उसे लोग बुरा कहते हैं...
जिसको देखा नहीं उसे सब खुदा कहते हैं...!

What to talk about this World...
Everybody has its own Story,
People abuse those are in front of them...
And Say God who is never Seen Before...! 

459 मंजिल इरादा हारें खुद वादा शायरी


459

Wada, Promise

अभी ना पूछो हमसे मंजिल कहां हैं,
अभी तो हमने चलनेका इरादा किया हैं...
ना हारे हैं ना हारेंगे कभी,
ये किसी औरसे नहीं खुदसे वादा किया हैं...!

Do not enquire about my Destination,
Just now I have decided to Start...
I have not Lost and will Never,
I have Promised to Myself, Not to any other else...!

458 आशियाने दरवाज़े बड़े पैसे क़मा क़द शायरी


458

Kad, Stature

"दरवाज़े बड़े क़रवा लिए हैं,
अब हमने भी अपने आशियानेक़े...
क्योंकि कुछ दोस्तोंक़ा,
बड़ा हो गया हैं चार पैसे क़माकर...!!!"

Have extended Doors,
Of my House now...
Because Few Friends Stature,
has increased with few Earned Penny...!!!

457 याद सुबह वक़्त साथी बुझा लोग चिराग़ शायरी


457

Chirag, Lamp

याद रहते हैं,
बुरे वक़्तके साथी किसको... ?
सुबह होते ही,
चिराग़ बुझा देते हैं लोग

Do we Remember,
Acquaintances of the Bad Period...?
In the Morning,
People Extinguishes Lamp...