3 August 2016

462 ज़िन्दगी साँस बदल यकीन शायरी


462

Yakin, Belief

तुम्हारे बदल जानेपर,
मुझे आज भी यकीन नहीं आता,
ज़िन्दगी साँस लेनेको मना कर दे,
यह कौन मानेगा......

I could not Believe today even,
That You are Changed,
Its As Good As not Believing,
If Life refuses to Breath......

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