10 August 2016

498 पता छूटा रूठा रूठी बात साथ शायरी


498

Saath, Company

पता नहीं तू रूठी थी...
या मैं रूठा था,
साथ हमारा बस जरासी बातपें,
छूटा था...

Never knew whether you were Upset...
Or me,
We been apart,
On a very small thing...

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