31 August 2016

519 आशियाना जमाना सितम दुवा हिम्मत बेबसी बिजली शायरी


519

Bijli, Lightning

सितम भी सहना, दुवा भी देना,
बेबसीका गया वो जमाना...
हिम्मत हैं तो गिरा दो बिजली,
बना रहा हु मैं आशियाना...

Endure the Differences, and Bless too,
Helplessness is not today's trend...
Dear to strike Lightning,
As Building my House...

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