2 August 2016

459 मंजिल इरादा हारें खुद वादा शायरी


459

Wada, Promise

अभी ना पूछो हमसे मंजिल कहां हैं,
अभी तो हमने चलनेका इरादा किया हैं...
ना हारे हैं ना हारेंगे कभी,
ये किसी औरसे नहीं खुदसे वादा किया हैं...!

Do not enquire about my Destination,
Just now I have decided to Start...
I have not Lost and will Never,
I have Promised to Myself, Not to any other else...!

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