3 August 2016

461 ज़िंदगी मंज़िल डर रास्ते टूट भूल परेशानि ज़रूरत शायरी


461
Jarurat, Need

मंज़िलोसे अपनी डर ना जाना,
रास्तेकी परेशानियोंसे टूट ना जाना,
जब भी ज़रूरत हो ज़िंदगीमें किसी अपनेकी,
हम आपके अपने हैं ये भूल ना जाना...

Do not get afraid of your Destinations,
Do not break with the problems in the Path,
Whenever you are in Need of our Owns,
Do not forget that We are Yours...

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