2 August 2016

457 याद सुबह वक़्त साथी बुझा लोग चिराग़ शायरी


457

Chirag, Lamp

याद रहते हैं,
बुरे वक़्तके साथी किसको... ?
सुबह होते ही,
चिराग़ बुझा देते हैं लोग

Do we Remember,
Acquaintances of the Bad Period...?
In the Morning,
People Extinguishes Lamp...

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