14 August 2016

502 थक लफ़्ज़ ढूँढ भेज इज़हार ख़रीदे गुलाब शायरी


502

Gulab, Roses

एक मैं थी जो थक गई,
लफ़्ज़ ढूँढ ढूँढकर......
एक वो थे जो ख़रीदे हुए गुलाब भेजकर,
इज़हार कर गए...!

I was the One Fainted,
Finding Phrases......
He was the one who expressed,
by Sending purchased Roses...!

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