14 February 2017

964 हिम्मत समुन्दर मजबूर बूँद आँसु शायरी


964

आँसु, Tears

मजबूत इतने थे कि,
समुन्दर भी पार कर सकते थे,
मजबूर इतने हुए कि,
दो बूँद आँसुओंने डुबो दिया…

I was so strong that,
Could also cross the ocean,
I was so Compelled that,
Two drops of tears drowned…

963 दिल काँच हाथ जख्म ख्याल शायरी


963

जख्म, Wound

 "बनाने वालेने दिल काँचका बनाया होता,
तोड़ने वालेके हाथमें जख्म तो आया होता…
जबभी देखता वो अपने हाथोंको,
उसे हमारा ख्याल तो आया होता…"

"The maker would have made the heart out of glass,
The person who broke it would have got a wound on her hands…
Whenever she would look at her hands,
She would have thought of me..."

962 तस्वीर सिने जुदाई गम जिक्र पलक शायरी


962

जुदाई, Separation

"उनकी तस्वीरको सिनेसे लगा लेते हैं,
इस तरह जुदाईका गम मिटा देते हैं,
किसी तरह कभी उनका जिक्र हो जाये तो,
भिगी पलकोंको हम झुका लेते हैं l"

"I hug her picture,
In this way we erase the sorrow of separation,
If by any chance she is ever mentioned,
"We bow my wet eyelids."

961 प्यार आँख दीवाने बात इंकार कसूर गुनहगार नाम शायरी


961

गुनहगार, Culprit

“दीवाने हैं तेरे नामके,
इस बातसे इंकार नहीं,
कैसे कहें कि तुमसे प्यार नहीं...
कुछ तो कसूर हैं आपकी आँखोंका,
हम अकेले तो गुनहगार नहीं l

“I am crazy about your name,
There is no denying this,
How to say that I don't love you...
There is some fault in your eyes,
I am not the only culprit.”

11 February 2017

960 रात शाम याद बात साँस खामोश आवाज़ शायरी


960

आवाज़, Voice

रात हुई जब शामके बाद,
तेरी याद आई हर बातके बाद,
हमने खामोश रहकर भी देखा,
तेरी आवाज़ आई हर साँसके बाद !

When it became night after evening,
I remembered you after everything,
I experienced even while remaining silent,
Your voice came after every breath!

959 दिल शाम चराग़ याद शायरी


959

याद, Memory

शाम होते ही,
चराग़ोंको बुझा देता हूँ…
दिल ही काफ़ी हैं,
तेरी यादमें जलनेके लिए !

As evening approaches,
I extinguish the lamps…
Hearts is enough,
To burn in your memory!

958 शक मुहब्बत सबूत बदनाम शायरी


958

सबूत, Evidence

शक ना कर,
मेरी मुहब्बतपर पगली......
अगर मैं सबूत देनेपर आया तो...
तु बदनाम हो जायेगी...!!!

Don't doubt,
about my love, Crazy ...
If I come to give evidences...
You will be disgraced...!!!

957 दिल नाम उलझ होंठ शायरी


957

होंठ, Lips

हमने लिया सिर्फ होंठोंसे,
जो तेरा नाम…
दिल होंठोंसे उलझ पड़ा,
कि ये सिर्फ मेरा हैं !

We took it only with our lips,
Which is your name…
The heart got entangled with the lips,
That these are only mine!

956 दिल प्यार वादे जिक्र मोहब्बत बाजार डर सोच रुसवाई ऐतबार शायरी


956

रुसवाई, Ignominy

वादेपें वो ऐतबार नहीं करते,
हम जिक्र मोहब्बत सरे बाजार नहीं करते;
डरता हैं दिल उनकी रुसवाईसे,
और वो सोचते हैं हम उनसे प्यार नहीं करते ।।

They don't believe in promises,
We do not mention love openly;
The heart is afraid of her ignominy,
And they think I don't love them.

10 February 2017

955 उदासी वजह इजाजत नाम शायरी


955

उदासी, Sadness

लोग मुझसे मेरी,
उदासीकी वजह पूछते हैं फ़राज़।
इजाजत हो तो...
तेरा नाम बता दूँ......

People from me,
Faraz asks the reason for sadness.
If allowed...
Shall I tell your name...

954 वाकिफ हार कमजोरी शायरी


954

रो, Cry

वाकिफ हैं वो मेरी,
हर कमजोरीसे फ़राज़।
वो रो देती हैं...
और मैं हार जाता हूँ......

She is aware of my,
Every weakness Faraz.
She cries...
And I lose...

953 दिल कोशिश सूखे परिन्दे बसेरा शायरी


953

बसेरा, Nest (Shelter)

टूटे हुए दिलमें रहनेकी,
कोशिश ना कर फ़राज़।
क्योंकी सूखे हुए पेड़पर तो,
परिन्दे भी बसेरा नहीं करते......

To live in a broken heart,
Don't try, Faraz.
Because on a dry tree,
Even birds don't nest...

952 मलाल ग़ैर छत परिन्दे शायरी


952

परिन्दे, Birds

जो उड़ गए परिन्दे,
उनका मलाल क्या करूँ फ़राज़। 
यहां तो पाले हुए भी,
ग़ैरोंके छतोंपर उतरते हैं......

The birds that flew away,
Faraz, why should I feel sorry for them? 
Even after getting frost here,
Land on the rooftops of strangers...

951 फायदा बारिश बरस सीने शख्स बिजलि डर शायरी


951

बारिश, Rains

अब क्या फायदा,
बारिशोंके बरसनेका फ़राज़,
वो शख्स ही पास नही,
जो सीनेसे लगता था...
बिजलियोंकी डरसे II

What is the advantage now,
The forecast of rains,
That person is not around,
The one who used to hug...
Scared of Lightning II

9 February 2017

950 कम सज़ा पेशेवर मुज़रिम गलती इश्क़ शायरी


950

सज़ा, Punishment

उससे कह दो मेरी सज़ा,
कुछ कम करदे फ़राज़।
मैं पेशेवर मुज़रिम नहीं हूँ......
गलतीसे इश्क़ हुआ हैं ll

Tell him my punishment,
Faraz, do something less.
I am not a professional criminal...
I fell in love by mistake.

949 खुबसुरत रिश्ता शायरी


949

रिश्ता, Relationship

कितना खुबसुरत हैं,
उसका मेरा रिश्ता...
उसने कभी बांधा,
हमने कभी छोड़ा......

How beautiful they are,
Her and my relationship...
Nor did she ever tie it,
Nor did I ever leave...

948 लफ्ज़ कहर असर खामोश शायरी


948

कहर, Havoc

अपने हर लफ्ज़में,
कहर रखते हैं हम,
रहें खामोश फिरभी,
असर रखते हैं हम...!

In every word of yours,
We wreak havoc,
Still remain silent,
We have influence...!

947 जीना सब कुछ शायरी


947

जीना, Living

जी चुके हैं उनके लिये,
जो मेरे लिये सब कुछ थे...
अब जीना हैं उनके लिये,
जिनके लिये मैं सब कुछ हूँ...

Have lived for them,
Who were everything to me...
Now I have to live for them,
For whom I am everything..

946 जिंदगी कदम समझौता शौक मरमर शायरी


946

समझौता, Compromise

"जिंदगी तुझसे हर कदमपर,
समझौता क्यों किया जाए...
शौक जीनेका हैं मगर,
इतना भी नहीं,
की मरमरके जिया जाए..."

"Life meets you at every step,
Why compromise...
My passion is to live but,
Not even that much,
That one may live by dying moment by moment..."

945 यकीनन फर्क खास नजरअंदाज़ शायरी


945

नजरअंदाज़, Ignore

आ गया हैं फर्क,
तुम्हारी नजरोंमें यकीनन...
अब एक खास अंदाज़से,
नजरअंदाज़ करते हो हमे...

There has been a difference,
Surely in your eyes...
Now in a special way,
You ignore me...