22 March 2017

1125 अंदाज खामोश बोल बरस तरस शायरी


1125
हमारा अदांज ही कुछ ऐसा हैं कि...
हम बोलते हैं,
तो बरस जाते हैं !
और
खामोश रहते हैं,
तो लोग तरस जाते हैं...!!!

1124 दिल मुहोब्बत गम तंग सताऐ खिलौना समझ शायरी


1124
ना तंग करो इतना, हम सताऐ हुऐ हैं,
मुहोब्बतका गम दिलपें उठाऐ हुऐ हैं l
खिलौना समझकर हमसे ना खेलो,
हम भी उसी खुदाके बनाऐ हुऐ हैं ll

1123 आँख जादू जीना मरना वाक़िफ़ शौक़ शायरी


1123
"तेरी आँखोंके जादूसे,
तू ख़ुद नहीं हैं वाक़िफ़,
यह उसे भी जीना सिखा दे,
जिसे मरनेका शौक़ हो l"

1122 किताब फूल बाग तोड कीमती चीज़ दिल शायरी


1122
किताबोंमें कहते हैं,
फूल तोना मना हैं,
बागोंमें कहते हैं,
फूल तोड़ना मना हैं,
फूलोंसे कीमती चीज़ हैं दिल,
कोई नहीं कहता दिल तोड़ना मना हैं !

1121 पता सुन बेहद बुरा अच्छा गैर शायरी


1121
तुम आए थे,
पता लगा,
सुनकर अच्छा भी लगा,
पर गैरोंसे पता चला,
बेहद बुरा लगा l

21 March 2017

1120 दिल सच्चे आँखें बात भीग कमजोर शायरी


1120
जिनकी आँखें बात बातमें
भीग जाती हैं,
वो कमजोर नहीं...
दिलसे सच्चे होते हैं…!

1119 उम्र बर्बाद नुक़्स तराश शायरी


1119
उम्र बर्बाद कर दी हमने,
औरोंमें नुक़्स निकालते निकालते......
इतना कभी खुदको तराशते तो,
कबके खुदा तो हो गए होते......।

1118 बरस सफर ख़ाक शायरी


1118
इतने बरसोंका सफर,
यूँ ही ख़ाक हुआ...
जब उन्होंने कहां,
“कहो... कैसे आना हुआ ?”

1117 लिख सोच माँग चाह लफ्ज़ ख्याल मन्नत मोहोब्बत शायरी


1117
लिख दूँ तो लफ्ज़ तुम हो,
सोच लूँ तो ख्याल तुम हो,
माँग लूँ तो मन्नत तुम हो, और...
चाह लूँ तो मोहोब्बत भी तुम ही हो…!!!

1116 मुस्कराहट मोल रिश्त तोल मोड़ अनमोल मोहोब्बत शायरी


1116
मुस्कराहटका कोई मोल नहीं होता ,
कुछ रिश्तोंका कोई तोल नहीं होता ,
लो तो मिल जाते हैं हर मोड़पर...
लेकिन हर कोई आपकी तरह अनमोल नहीं होता !!!

20 March 2017

1115 ज़िक्र सजदे झुक फर्क झुक शायरी


1115
तेरा हुआ ज़िक्र,
तो हम तेरे सजदेमें झुक गये,
अब क्या फर्क पड़ता हैं,
मंदिरमें झुक गये या मस्जिदमें झुक गये !!!

1114 ताबीज गले पहन आराम दीदार शायरी


1114
सारे ताबीज,
गलेमें पहनकर देख लिए...
आराम तो बस,
तेरे दीदारसे ही मिला . . . !!!

1113 इश्क़ औरका शायरी


1113
इश्क़ वो नहीं जो,
तुझे मेरा कर दे...
इश्क़ वो हैं जो,
तुझे किसी औरका ना होने दे !!!

1112 तीनका साँस जोड नजर इंतजlर जान शायरी


1112
तीनका तीनका साँसोको,
जोडते रहें हम,
नके इंतजlमें...
.......
न्होने एक नजरमें 
जान ही ले ली . . . !

1111 ख़ामोश बात अन्दाज़ नाराज़ शायरी


1111
तेरी हर बात,
"ख़ामोशी" से मान लेना,
यह भी अन्दाज़ हैं,
मेरी नाराज़गीका...!

19 March 2017

1110 तन्हा आँसू बहाने हुनर पास जज्बात दफन खातिर शायरी


1110
तन्हा आँसू बहानेका हुनर,
सबके पास नहीं होता l
जज्बात दफन करने पडते हैं,
किसी अपनेकी खातिर ।

1108 अल्फ़ाज़ कंकर फ़ेंक झील गहरी ख़ामोशी शायरी


1108
अल्फ़ाज़के कुछ तो,
कंकर फ़ेंको...
यहाँ झीलसी गहरी,
ख़ामोशी हैं....

1109 मुस्कुराहट झूठी यार इंसान देखना समझना सीख शायरी


1109
मुस्कुराहटें झूठी भी,
हुआ करती हैं यारों...
इंसानको देखना नहीं,
बस समझना सीखो...!!!

1107 सोच दोस्त मुक़दमा तारीख़ बहाने मुलाक़ात शायरी


1107
सोच रहा हूँ की,
कुछ दोस्तोंपर मुक़दमा कर हीं दूँ...!!
कमसे कम इसी बहाने,
हर तारीख़पर उनसे,
मुलाक़ात तो हो ही जाया करेगी...!!!

1106 शहर मजदूर दरबदर घर शायरी


1106
इस शहरमें मजदूर जैसा,
दरबदर कोई नहीं,
सैंकड़ों घर बना दिये,
पर उसका कोई घर नहीं...