3396
किसीनें... हमसे कहाँ...
इश्क़... धीमा ज़हर हैं !
हमनें भी... मुस्कुराके
कहाँ...
हमें भी जल्दी
नहीं हैं.......!
3397
किसीने कहाँ
प्यार अमृत हैं,
किसीने कहाँ
प्यार ज़हर हैं,
हम तो दोनो
समझ कर पी
गए,
अगर अमृत हुआ
तो उमरभरको प्यार मिलेगा...
अगर मर गए
तो तड़पतड़पकर जीना नहीं पड़ेगा...!
3398
ज़िन्दगी
हैं दो दिन
कुछ भी न
गिला कीजिये
दवा, ज़हर, जाम, इश्क,
जो मिले चख
लीजिये...
3399
इस दौरके
लोगोमें,
वफ़ा
ढूंढ रहे हो...
बडे नादान हो साहिब...
ज़हरकी शीशीमें
दवा ढूंढ
रहे हो.......!
3400
ज़हर तो ख्वामखाह
ही बदनाम हैं,
नज़र घुमाकर
देख लो...
इस दुनियामें,
शक्करसे मरने वालोंकी तादाद
...बेशुमार हैं....... !