9 February 2017

942 जिन्दगी जख्म जुबां खामोश आँख नमी दस्तान शायरी


943
जुबां खामोशआँखोंमें नमी होगी,
यहीं बस मेरी दस्तान--जिन्दगी होगी...
भरनेको तो हर जख्मभर जाऐगा,
कैसे भरेगी वो जगह हां तेरी कमी होगी...

941 दुनियाँ हमदर्दी उम्मीद प्यार जख्म शिद्दतसे चाह शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


942
उम्मीद न कर इस दुनियाँमें,
किसीसे हमदर्दी की...
बड़े प्यारसे जख्म देते हैं,
शिद्दतसे चाहनेवाले...!

8 February 2017

940 दुनियाँ जनाब सोच ख्वाब शायरी


940
जो इस दुनियाँमें नहीं मिलते ,
वो फिर किस दुनियाँमें मिलेंगे जनाब...
बस यही सोचकर रबने एक दुनियाँ बनायी ,
जिसे कहते हैं ख्वाब...!!!

939 प्यार मालिक हक़ किरायेदार शायरी


939
माना की उसके प्यारका,
मालिक नहीं हूँ मैं...
पर किरायेदारका भी कुछ,
हक़ तो बनता हैं ना॥

938 दिल प्यार बेक़रार नादान पागल अमानत समझ इंतज़ार शायरी


938
कितना समझाया दिलको,
कि तू प्यार ना कर;
किसीके लिए खुदको,
बेक़रार ना कर...
वो तेरे लिए नहीं हैं नादान;
पागल, किसी औरकी अमानतका,
इंतज़ार ना कर

937 आँखें बातें अजनबी शायरी हैं हीं हां में मैं पें याँ आँ हूँ हाँ हें


937
आँखें भिगोने लगी हैं,
अब तेरी बातें...!
काश तुम अजनबी ही रहते...
तो अच्छा था...!

936 दुनियाँ जिंदगी साथ सच्चा प्यार साँसे एहसान बाह राह शायरी


936
साथ देना चाहते हैं, आपकी हर राहमें,
जिंदगी जीना चाहते हैं, आपकी बाहोंमें,
बन जाना साँसे हमारी ओर, कर देना एहसान इतना,
जो हो हमारा प्यार सच्चा इस दुनियाँमें...!

6 February 2017

935 मुस्कुरा आँखें बात दर्द बयाँ शायरी


935
कभी मुस्कुराती आँखें भी,
कर देती हैं कई दर्द बयाँ,
हर बात रोकर बताना ही,
जरूरी नहीं होता…

934 दिल गुस्सा प्यारा तंग शायरी


934
तुम्हारा तो गुस्सा भी,
इतना प्यारा हैं के...!
दिल करता हैं दिनभर तुम्हे,
तंग करते रहें...!!

933 इश्क रुला रोने चाह शायरी


933
मत पूछो ये इश्क कैसा होता हैं...
बस जो रुलाता हैं ना,
उसीके गले लगकर...
रोनेको जी चाहता हैं  ll

932 यकीन साथ फर्क खिलाफ शायरी


932
जब मुझे यकीन हैं,
कि खुदा मेरे साथ हैं l
तो इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता,
कि कौन कौन मेरे खिलाफ हैं…!!!

931आसानी ज़िद मुकद्दर ख्वाहिश शायरी


932
मिल सके आसानीसे ,
उसकी ख्वाहिश किसे हैं ?
ज़िद तो उसकी हैं...
जो मुकद्दरमें लिखा ही नहीं...

930 आसान समझ शायद पन्ने छोड़ पढ़ शायरी


930
इतना, आसान हूँ कि,
हर किसीको समझ आ जाता हूँ,
शायद तुमने ही...
पन्ने छोड़ छोड़कर पढ़ा हैं मुझे…!!

929 मोहब्बत दुनियाँ दस्तूर अजीब शायरी


929
तेरी दुनियाँका यह दस्तूर भी,
अजीब हैं "ए खुदा"...
मोहब्बत उनको मिलती हैं...
जिन्हें करनी नहीं आती...!

928 मुलाक़ात वक़्त तक़ाज़ा याद दिल दर्द जुदाई बातें हकीकत अंदाजा ग़ज़ल शायरी


928
हर मुलाक़ातपर वक़्तका तक़ाज़ा हुआ l
हर यादपर दिलका दर्द ताज़ा हुआ l
सुनी थी सिर्फ ग़ज़लोंमें जुदाई कि बातें l
अब खुद पर बीती तो हकीकतका अंदाजा हुआ ll

927 काश वजह साथ आँखें पल खाव्ब गुजर कल शायरी


427
काश फिर वो मिलनेकी वजह मिल जाएँ,
साथ वो बिताया वो पल मिल जाये,
चलो अपनी अपनी आँखें बंद कर लें,
क्या पता खाव्बोंमें गुजराहुआ कल मिल जाएँ…

926 दुनियाँ रुला शायरी


926
मुझे कुछ हो गया तो,
इस दुनियाँमें कोई नहीं रोयेगा...
अगर तुझे कुछ हो गया तो,
पूरी दुनियाँको रुलाऊंगा !

4 February 2017

925 याद शुरु सुबह दिन खराब शायरी


925
तेरी हर यादसे शुरु होती हैं,
मेरी हर सुबह
फिर ये कैसे कह दुँ कि,
मेरा दिन खराब हैं...!

924 प्यार मदहोश आलम याद बेवफ़ा बदनाम धूल चेहरे बरस रोते आईना शायरी


924
उसकी यादमें हम बरसों रोते रहें;
बेवफ़ा वो निकले बदनाम हम होते रहें;
प्यारमें मदहोशीका आलम तो देखिये;
धूल चेहरेपें थी और हम आईना साफ़ करते रहें...

923 याद करवटें दर्द झील लफ़्ज रोता खुश शायरी


923
कहीं दर्दकी झीलें हैं,
तो कहीं यादों भरी करवटें...
उसे कहना मैं खुश तो हूँ,
मगर मेरा हर लफ़्ज रोता हैं.....!