12 August 2018

3151 - 3155 दिल उम्र इश्क याद फ़रियाद मौसम खुशबु एहसास फिजा दुआ होंठ रूठ शिकवे बात माहिर शातिर हुनर फर्क चेहरे शायरी


3151
टूटे हुए दिल भी,
धड़कते हैं उम्रभर...
चाहे किसीकी यादमें,
या फिर किसी फ़रियादमें.......

3152
भीगे मौसमकी खुशबु हवाओंमें हैं,
आपके साथका एहसास इन फिजाओंमें हैं;
युँहीं सदा रहे आपके होंठोपर मुस्कुराहट,
इतना असर तो मेरी दुआओंमें हैं...।

3153
गिले शिकवे दिलसे लगा लेना,
कभी रूठ जाऊं तो मना लेना,
कलका क्या पता, हम हो हो;
इसलिए जब भी मिलूं तुमको...
हलकेसे गले लगा लेना ।

3154
कहां करो हर बार की,
हम छोडके जायेंगे तुमको...
हम इतने आम हैं,
और  ये तेरे बसकी बात हैं...!

3155
वो इश्कमें भी शातिर हो जरूरी तो नहीं,
इस हुनरमें भी माहिर हो जरूरी तो नहीं,
कितना फर्क पडता हैं तुम्हारे रूठ जानेसे...
ये चेहरेपें भी जाहिर हो जरूरी तो नहीं !!!

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