3216
बुरा इतना भी
नहीं मैं,
हकीकतमें दरअसल...
मैं खुदको
देख रहा था,
दूसरोंकी नज़रोंसे.......!
3217
बहुत दूर तक
जाना पडता हैं,
सिर्फ ये जाननेके लिये...
कि नजदीक कौन हैं.......
3218
अजनबी बनकर,
निकल
जाओ तो अच्छा
हैं;
सुलग जाती हैं,
उम्मीदें बेवजह.......
3219
छुपी होती हैं,
लफ्जोंमें बातें
दिलकी,
लोग शायरी समझके,
बस
मुस्कुरा देते हैं.......!
3220
जिंदगी आसान नहीं होती,
इसे आसान बनाना
पड़ता हैं।
कुछ अंदाजसे...
कुछ नज़रअंदाज़से...।।
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