3141
तेरी रूहका
मेरी रूहसे,
निकाह हो गया
हैं;
जैसे तेरे सिवा
किसी औरका,
सोचूं तो नाजायज़सा लगता हैं !!!
3142
ज़ुल्फ़ें, आँखे, होंठ, कमर...
एक नदीमें कितने भँवर !!!
3143
तुम्हारे
ख्याल...
तुम्हारी बातें...
तुम्हारी
यादें...
मैं आज भी
ज़िन्दा हूँ...
इन विरासतोंके साथ.......!
3144
कभी हौलेसे
रातको,
मेरे
दिलमें आकर
तो देखो;
एक महफिल सजी होती हैं,
और जिक्र
सिर्फ तुम्हारा होता हैं...!
3145
कुछ किस्से
दिलमें,
कुछ
कागजोंपर...
आबाद
रहें;
बताओ, कैसे भूलें
उसे,
जो हर
साँसमें याद
रहें...!
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