3176
छू ना सकूं
आसमान,
तो ना
ही सही ।
आपके दिलको
छूजाऊं,
बस
इतनीसी तमन्ना
हैं...!
3177
कमाल करता हैं,
तू भी ए
दिल...
उसे फुर्सत नहीं,
और तुझे चैन
नहीं.......!
3178
तेरी बेरुखीको भी
रुतबा दिया हमने,
तेरे प्यारका हर
क़र्ज़ अदा किया
हमने;
मत सोचके
हम भूल गए
हैं तुझे,
आज भी खुदासे पहले याद
किया हैं तुझे...!
3179
वो कह गये
थे की,
अब
कभी न आएँगे;
रातको सपनोंमें आये थे...
झूठे कहींके.......!
3180
जनाजा मेरा उठ
रहा था,
फिर भी तकलीफ
थी उसे आनेमें;
बेवफा घरमें
बैठी पूछ रही
थी,
और कितनी देर हैं दफनानेमें...?
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