कल रात चाँद बिलकुल,
उनके जैसा था...
वहीं नुर...!
वहीं गुरुर...
वही उनकी तरह,
हमसे कोसो दूर.......
3262
उनकी चाल ही
काफी थी,
इस
दिलके होश
उड़ानेके लिए;
अब तो हद
हो गई, जबसे वो...
पाँवमें पायल पहनने
लगे.......!
बड़ा खुश नसीब हैं वो,
जिसके नसीबमें तुम हो...
उसे और क्या चाहिये,
जिसके तुम करीब हो.......
3264
तुम चाहो तो,
मेरा सब कुछ
ले लो...!
बस खुदको
मेरे,
नसीबमें
लिख दो.......!!!
3265
तुम्हे पता था,
मै गरीब हूँ...
फिर भी तुमने मेरी,
सबसे कीमती चीज तोड़ दी.......
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