7 September 2018

3261 - 3265 दिल नुर गुरुर पायल नसीब कीमती शायरी


3261
कल रात चाँद बिलकुल,
उनके जैसा था...
वहीं नुर...!
वहीं गुरुर...
वही उनकी तरह,
हमसे कोसो दूर.......

3262
उनकी चाल ही काफी थी,
इस दिलके होश उड़ानेके लिए;
अब तो हद हो गई, जबसे वो...
पाँवमें पायल पहनने लगे.......!

3263
बड़ा खुश नसीब हैं वो,
जिसके नसीबमें तुम हो...
उसे और क्या चाहिये,
जिसके तुम करीब हो.......

3264
तुम चाहो तो,
मेरा सब कुछ ले लो...!
बस खुदको मेरे,
नसीबमें लिख दो.......!!!

3265
तुम्हे पता था,
मै गरीब हूँ...
फिर भी तुमने मेरी,
सबसे कीमती चीज तोड़ दी.......

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