11 September 2018

3276 - 3280 सनम दिल प्यार गुजारिश करीब याद नसीब आँख होंठ इबादत शायरी


3276
मुझे कुछ भी नहीं कहना,
सिर्फ इतनी गुजारिश हैं...
बस उतनी बार मिल जाओ,
के जितना याद आते हो.......!

3277
दिल कोई किसीसे दूर होता हैं,
कोई किसीके करीब होता हैं;
प्यार खुद चलकर आता हैं,
जब कोई किसीका नसीब होता हैं...

3278
एक आप हो सनम,
कि कुछ कहते नहीं...
एक आपकी यादें हैं,
जो चुप रहती नहीं...!

3279
आँखोंके नीचे,
काले घेरे बताते हैं...
होंठोंपर जो मुस्कान हैं,
वह झूठी हैं.......!

3280
क्या हूवा जो तुम मिलते नहीं हो,
मिलता तो खुदा भी नहीं...
इबादत तो फिर भी,
हम रोज़ करते हैं... ll

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