5 December 2018

3626 - 3630 नादान ख़्वाब तलाश समझ नज़र साँस धड़कन लम्हें कुर्बान अरमान पत्थरदिल शायरी


3626
हम नादान अच्छे हैं,
दुनियाँके समझदार लोगोंसे...
हम अपने ख़्वाब जरुर तोड़ते हैं,
पर किसीका दिल नहीं.......!

3627
किसीका दिल मुझे चाहिए,
किसीके घरकी तलाश हैं;
मेरे दिलका हाल जो समझ सके,
मुझे तो बस उस नज़रकी तलाश हैं...!!!

3628
धड़कनमें तुम...
दिलमें तुम...
जब तक साँस हैं मेरी...
मेरे साथ रहोगे तुम...!

3629
रेतपर नाम कभी लिखते नहीं,
रेतपर नाम कभी टिकते नहीं...
लोग कहते हैं कि हम पत्थरदिल हैं,
लेकिन पत्थरोंपर लिखे नाम कभी मिटते नहीं !!!

3630
मेरी ख़ुशीके लिए किये थे,
जिसने हर लम्हें कुर्बान...
पूरी करना ख़ुदा,
उनके दिलके सारे अरमान...!

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