7 December 2018

3631 - 3635 मोहब्बत करीब हाल मुश्किल मुमकिन जीना हसरतों ज़मानत दिल शायरी


3631
करीब जो तुम आते हो,
तो दिल मचल जाता हैं...
क्या होगा हाल हमारा,
जब नियत तुम्हारी बिगड़ जायेगी...!

3632
करीब  जाओ,
जीना मुश्किल हैं तुम्हारे बिना...
दिलको तुमसे ही नही,
तेरी हर अदासे मोहब्बत हैं...!

3633
मुमकिन नहीं शायद,
किसीको समझ पाना...
बिना समझे किसीसे,
क्या दिल लगाना.......!

3634
जीना हैं तो...
हँसकर जीना सीख लो यारो;
मिलती नहीं रौशनी,
अपना दिल जलानेसे...

3635
"इन हसरतोंको,
इतना भी क़ैदमें रख ज़िंदगी...
ये दिल भी थक चुका हैं,
इनकी ज़मानत कराते कराते...!"

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