3621
प्यार तो दिलसे होना चाहिये,
किस्मतका क्या
हैं...
वो तो कभी
बदल सकती हैं...!
3622
दिलसे नाज़ुक
नहीं,
दुनियाँमें
कोई चीज साहब...
लफ्ज़का वार
भी,
खंजरकी
तरह लगता हैं...
3623
क़दम दर क़दम
ये,
आज़माईश क्यूँ
हैं...
आबाद दिलकी
बस्ती फ़िर,
दर्दकी नुमाईश क्यूँ
हैं...!!!
3624
एक गर्मसी
आह,
बिखेर दी काँचसे दिलपर,
और उंगलियोसे तेरा,,,
अक्स बना
दिया...!
3625
हँसने नहीं देता
कभी,
रोने नहीं
देता...
ये दिल तो
कोई,
काम भी
होने नहीं देता...
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