22 December 2018

3651 - 3655 दिल मरने रोने होंठ खुशी दुनिया प्यार रूह पागल शायरी


3651
मेरे मरनेपर तो,
लाखो रोनेवाले हैं...
तलाश तो उस पागलकी हैं,
जो मेरे रोनेसे मर जाए.......!

3652
पागल उसने कर दिया,
एक बार देखकर,
मैं कुछ भी ना कर सका,
लगातार देखकर...!

3653
पागल नहीं थे हम,
जो उनकी हर बात मानते थे...
बस उनकी खुशीसे ज्यादा,
कुछ अच्छा ही नही लगता...!

3654
तुम्हारे नामको होंठोंपर सजाया हैं मैंने,
तुम्हारी रूहको अपने दिलमें बसाया हैं मैंने,
दुनिया आपको ढूंढते ढूंढते हो जायेगी पागल,
दिलके ऐसे कोनेमें छुपाया हैं मैंने.......

3655
अगर हम सुधर गए,
तो उनका क्या होगा...
जिनको हमारे,
पागलपनसे प्यार हैं...!

No comments:

Post a Comment