31 December 2018

3701 - 3705 साथ वाकीफ लम्बी रात मुलाकात एहसास साल शायरी


3701
किसीको किसीसे,
कम आँकिये साहब...
देखो, दिनोंने मिलकर,
साल बदल दिया.......!

3702
लोग नये सालमें,
बहुत कुछ नया माँगेंगे...
पर मुझे तो वहीं उनका,
पुराना साथ चाहिए.......!

3703
पिछला साल बातोंमें बीत गया,
दुआ करो.......
आने वाला साल मुलाकातोंमें बीते...!

3704
चलो हम कुछ साल पिछे जाए,
फिरसे एक बार...
एक दुसरेमें खो जाए...
देखे शायद वाकीफ हम एक दुसरेको,
पुरी तरहसे समझ पाए.......!
भाग्यश्री

3705
वो पलमें बीते साल लिख़ूँ,
या सदियों लम्बी रात लिख़ूँ...
मैं तुमको अपने पास लिख़ूँ,
या दूरीका एहसास लिख़ूँ.......!

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