4216
मुझसे रूठकर
वो खुश हैं,
तो शिकायत ही कैसी...
मैं उनको खुश
भी ना देखूं
तो,
हमारी मोहब्बत ही कैसी.......!
4217
खुश नसीब होते
हैं बादल,
जो दूर रहकर
भी ज़मीनपर
बरसते हैं...
और एक बदनसीब
हम हैं,
जो एक ही
दुनियामें रहकर
भी,
मिलनेको
तरसते हैं.......
4218
तेरी यादोंकी खुशबूसे,
हम महकते
रहतें हैं...!
जब जब तुझको
सोचते हैं,
बहकते
रहतें हैं.......!
4219
एक नज़र देखकर,
सौ ऐब निकाले
मुझमें...
मैं फिर भी
खुश हूँ,
मुझे गौरसे
देखा उसने...!
4220
सिर्फ खुशबू रही,
गुलाब
नही...
तेरी यादोंका भी,
जवाब नहीं.......!
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