7 May 2019

4221 - 4225 इश्क ज़िन्दगी मुस्कुरा आदत वजह मज़ा हैरान खुशबु खुश शायरी


4221
मुस्करानेकी आदत भी,
क्या महँगी पड़ी...
सब ये कहके चले गए की,
तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो...!

4222
उदासियोंकी वजह तो,
बहुत हैं ज़िन्दगीमें;
पर खुश रहनेका मज़ा,
आपके ही साथ हैं.......!

4223
हैरान करके मुझे,
लोग खुश हो जाते है l
और देखो ना,
मैं खुश रहकर...
लोगोको हैरान करता हूँ...ll

4224
खुशबु रही हैं,
ताजे गुलाबकी.......!
शायद खिडकी खुली रह गई हैं,
उनके मकानकी.......!!!

4225
जिसे पा नही सकते.......
उसे सोचकर ही,
खुश होना ' इश्क ' हैं.......

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