8 May 2019

4226 - 4230 फितरत बात प्यार मुस्कुरा दुआ समझ रुखसार रिश्ते बेहतर महक खुश शायरी


4226
खुश रहना हो तो,
अपनी फितरतमें...
एक बात शुमार कर लो...!
ना मिले कोई अपने जैसा,
तो खुदसे प्यार कर लो.......!

4227
मुस्कुराना तो मेरी,
शक्सियतका हिस्सा हैं यारों...
तुम मुझे खुश समझकर,
दुआओंमें भूल मत जाना...!

4228
"मैं तेरे रुखसारका रंग हूँ...
जितना तुम खुश रहोगे...
उतना मैं सवर जाऊँगा...!"

4229
हम फूल तो नहीं,
पर महकना जानते हैं;
बिना रोये गम भुलाना जानते हैं...
लोग खुश होते हैं हमसे क्योकि,
हम बिना मिले ही...
रिश्ते निभाना जानते हैं...!

4230
बेहतर इन्सान आप तब होते हैं,
जब आप खुश होते हैं...
और...
बेहतरीन इन्सान आप तब होगे,
जब लोग आपसे खुश होगे.......!

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