4231
बदल जाए चाहे सारा जमाना,
पर ना बदलना तुम कभी;
ख़्वाबोंके खुशनुमा शहरमें,
मिलने आना तुम कभी...!
4232
कोई कितना ही,
खुश-मिज़ाज क्यों न हो...
रुला देती हैं किसीकी,
कमी कभी-कभी...!
4233
हर किसीको खुश रख सकूँ,
मुझे वो सलीका नहीं आता ।
क्यूंकि शायद मुझे, जो मैं नहीं हूँ
वो दिखानेका तरीका नहीं आता ।।
4234
वक्तकी एक आदत बहुत अच्छी हैं,
जैसा भी हो गुजर जाता हैं ।
कामयाब इंसान खुश रहे ना रहे,
खुश रहने वाला इंसान कामयाब जरूर हो जाता हैं ।।
4235
"दुनिया
उन्हीकी खैरियत
पूछती हैं,
जो
पहलेसे ही
खुश हों;
जो तकलीफमें होते
हैं,
उनके तो
नाम तक भूल
जाते हैं...
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