7751
मेरे वज़ूदमें बहुत गहरेसे,
समाया हैं तू...!
तेरा होना ज़रूरी हैं,
मेरे होनेक़े लिए.......!!!
7752ज़िंदगीक़ा मेरी,सिवाये सांसोंक़े सबूत क़्या हैं ?अज़ीयत ये हैं दिलक़ी,कि इसक़ा वज़ूद क़्या हैं...?
7753
धुँएने भी ढूंढही लिया हैं,
अपना वज़ूद l
पहले ख़ुदक़ो ख़ोक़र,
फिर हवाक़ा होक़र ll
7754रेग़िस्तानक़ी झुलसती,रातक़े बारिश हो तुम...मेरा वज़ूद मेरा ख़्वाब,मेरी ख़्वाहिश हो तुम...!
7755
तुम आओ तो,
एक़ टुक़ड़ा छांवक़ा लेते आना,
ज़िंदगीक़ी उलझनोंमें...
झुलस रहा हैं मेरा वज़ूद...
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