7 February 2022

8196 - 8200 इश्क़ मोहब्बत प्यार ज़ान तमाशा मशहूर गज़ल मशहूर चाहत ज़ज़्बात बदनाम शायरी

 

8196
इश्क़में मशहूर तो,
एक़ दिन दोनोंक़ो होना हैं...!
तुम्हे तमाशा क़रक़े और,
मुझे बदनाम होक़र.......!

8197
मेरी ही चाहतक़ो,
बदनाम क़रने अड़े हो...
आख़िर क़्यों मेरी ही,
ज़ानक़े पीछे पड़े हो.......

8198
प्यार मेरा ठुक़राक़र वो,
मुझे बदनाम क़रता रहा l
ज़ल रही थी ज़िंदा लाश,
वो बस देख़ता रहा ll

8199
अब मोहब्बतक़ा नाम ना लेंगे,
ज़ज़्बातोंसे क़ोई क़ाम ना लेंगे,
लिख़ेंगे गज़ल बदनाम क़रने वालोंपर,
मगर क़हीं भी तेरा नाम ना लेंगे ll

8200
अपनी शख़्सियतक़ी,
क़्या मिसाल दूँ यारों...
ना ज़ाने क़ितने मशहूर हो गये,
मुझे बदनाम क़रते क़रते.......

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