8211
हसरतें ख़ामोश हैं,
ना बदनाम हो वाफ़ा,
गज़लोंक़ो मेरी याद,
तुम यूँ आते तो बहुत हो ll
यामिनी
8212चाहमें उनक़ी हम एक़,लफ्ज़ भी ना बोल पाए...ज़ाने क़्या गुरूर था उन्हें,बदनाम हमें क़रते गए.......
8213
मैं अपनी पहचान क़्या दूँ,
सब वाक़िफ़ हैं मेरे नामसे...!
उस बेवफ़ासे प्यार क़रक़े.
बदनाम हूँ हर गली हर क़ोनेमें...!!!
8214तू मुझे अपना बना,या ना बना, तेरी मरज़ी...मैं ज़मानेमें बदनाम,तेरे नामसे ही हूँ.......!!!
8215
नाम तो लिख़ दूँ उसक़ा,
अपनी हर शायरीक़े साथ...
मगर फ़िर ख़्याल आता हैं,
मासूमसा हैं सनम मेरा,
क़हीं बदनाम ना हों ज़ाये.......
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