4 April 2017

1183 अनदेखे धागे आजाद साथ शायरी


1183
दिल तो करता हैं के मैं,
खरीद लूँ ये तेरी तन्हाई l
पर अफसोस मेरे पास खुद,
तन्हाईके सिवा कुछ नहीं . . . !

3 April 2017

1182 जल्दी खयाल चूमना जनाजा शायरी


1182
वाह् फ़राज़,
बड़ी जल्दी खयाल आया हमारा,
बस भी करो अब चूमना...
उठने भी दो अब जनाजा मेरा......

1181 मुद्दतें शख्स बाहर अंदर दिख शायरी


1181
मुद्दतें हो गयी,
कोई शख्स तो अब ऐसा मिले, फ़राज़...
बाहरसे जो दिखता हो,
अंदर भी वैसा ही मिले !!!

1180 खफा देख मनाने अंदाज शायरी


1180
उससे खफा होकरभी,
देखेंगे एक् दिन फ़राज़।
के उसके मनानेका,
अंदाज कैसा हैं.......

1178 दिल इश्क़ आँख पलक गलत शायरी


1178
गलत सुना था की,
इश्क़ आँखोंसे होता हैं, फ़राज़
दिल तो वो भी ले जाते हैं,
जो पलके तक नहीं उठाते......ll

1179 वजह पूछ मौका अजनबी लहेजा बदल शायरी


1179
वजह पूछनेका तो,
मौका ही नहीं मिला, फ़राज़...
वो लहेजा बदलते गए और,
हम अजनबी होते गए......ll

1177 शक मुहब्बत नुकसान मालूम शायरी


1177
शक तो था मुहब्बतमें,
नुकसान ही होगा, फ़राज़।
पर सारा हमारा ही होगा,
ये मालूम न था.......

1176 मुहब्बत औकात तबाह दिन शायरी


1176
औकात क्या हैं तेरी, ऐ फ़राज़...
चार दिनकी मुहब्बतभी,
तुझे तबाह कर देती हैं......

1 April 2017

1175 दिल दर्द नुमाईश बयाँ लोग टूट लफ्ज दास्तान समझ शायरी


1175
कर अपने दर्द--दिलकी,
नुमाईश शायरीमें बयाँ, फ़राज़।
लोग और टूट जाते हैं,
हर लफ्जको अपनी दास्तान समझकर.......

1174 रियाज सुबह शाम सच बोल अदा अजीज यार छिन शायरी


1174
झूठ बोलनेका रियाज,
करता हूँ मैं सुबह शाम, फ़राज़।
सच बोलनेकी अदाने,
हमसे कई अजीज यार छिन लिए.......

1173 दिल बिछड़ रूह बात शायरी


1173
बिछड़ना हैं तो यूँ करो,
रूहसे निकल जाओ, फ़राज़ l
रही बात दिलकी,
तो उसे हम देख लेंगे......ll

1172 आँख आँसू भुला छोड़ शायरी


1172
अब तेरी आँखोंमें,
ये आँसू किसलिए फ़राज़।
जब छोड़ ही दिया था,
तो भुला भी दिया होता.......

1171 सुन बदला बात आजमा लब चूम शायरी


1171
सुना हैं तुम ले लेते हो,
बदला हर बातका फ़राज़।
आजमाएंगे कभी,
तेरे लबोंको चूमके........

31 March 2017

1170 जीने यादें शायरी


1170
बस जीने ही तो,
नहीं देगी, फ़राज़।
और क्या कर लेगी,
तेरी यादें.......

1169 दिल मतलब दिलासे दिमाग घूम शायरी


1169
बिना मतलबके दिलासे भी,
नहीं मिलते यहाँ मोहसिन।
लोग दिल में भी,
दिमाग लिए घूमते हैं.......

1168 साँस टूट आम बात बदल मौत शायरी


1168
साँसोंका टूट जाना तो,
आम बात हैं, मोहसिन।
जहाँ अपने बदल जाये,
उसे तो मौत कहते हैं.......

1167 साँस टूट आम बात बदल मौत शायरी


1167
सीनेपें तीर खाके भी,
अगर कोई मुस्करा दे, मोहसिन।
निशाना लाख अच्छा हो,
मगर बेकार हो जाता हैं.......

1166 ख्वाहिश दुआ गुनाह कायनात शायरी


1166
तेरी ख्वाहिश कर ली तो,
कौनसा गुनाह कर लिया, मोहसिन।
लोग तो दुआओंमें,
पूरी कायनात माँग लिया करते हैं …….!

30 March 2017

1165 चाँद किरदार दाग पास रोशनी बाँट शायरी


1165
चलो चाँदका किरदार,
अपना लेते हैं फ़राज़।
दाग अपने पास रखके,
रोशनी बाँट देते हैं…….

1164 दिल समंदर सुन गहरा समाया सिवा शायरी


1164
सुना हैं दिल समंदरसे भी,
गहरा होता हैं, फ़राज़।
फिर क्यूँ नहीं समाया,
कोई और उसके सिवा.......

1162 जानता शख्स मुस्करा उदास शायरी


1162
कितना कुछ जानता होगा,
वो शख्स मेरे बारेमें, फ़राज़।
मेरे मुस्करानेपर भी जिसने पूछ लिया,
की तुम उदास क्यूँ हो.......

1163 जरूरत यकीन पास कहने शायरी


1163
अगर तुम्हे यकीन नहीं,
तो कहनेको कुछ नहीं मेरे पास, फ़राज़।
अगर तुम्हे यकीन हैं,
तो मुझे कुछ कहनेकी जरूरत ही नहीं.......

1161 मौत कह नाराजगी ख़त्म बहुत बदल जिया शायरी


1161
अब मौतसे कह दो,
हमसे नाराजगी ख़त्म भी करें, फ़राज़।
वो बहुत बदल गए हैं,
जिनके लिए हम जिया करते थे.......

29 March 2017

1160 ज़ख़्म इलाज कुरेदकर देख कह वक़्त शायरी


1160
करता हैं वो मेरे,
ज़ख़्मोंका इलाज, फ़राज़।
कुरेदकर देख लेता हैं रोज,
और कहता हैं वक़्त लगेगा . . . . . . .

1159 ख्वाब देख पूछ बेखबर यादें सोने शायरी


1159
वो मुझसे पूछती हैं,
ख्वाब किस किसके देखते हो, फ़राज़ l
बेखबर जानती ही नही,
यादें उसकी सोने कहाँ देती हैं. . . . . . .ll

1158 दिल जान मुहब्बत आलम साँस जरूरत जीने शायरी


1158
ये दिल ही तो जानता हैं,
मेरी पाक मुहब्बतका आलम, फ़राज़।
के मुझे जीनेके लिए,
साँसोंकी नहीं तेरी जरूरत हैं . . . . . . .

1157 हुस्न पर्दे जरूरत शायरी


1157
तेरे हुस्नको,
पर्देकी जरूरत ही क्या हैं, फ़राज़।
कौन रहता हैं होशमें,
तुझे देखनेके बाद . . . . . . .

1156 दीदार काबिल इनायत नजर रुख इधर शायरी


1156
दीदारके काबिल,
कहाँ मेरी नजर हैं, फ़राज़।
ये तेरी इनायत हैं की,
रुख तेरा इधर हैं......

28 March 2017

1155 दिल देख इमानदारी फिक्र शायरी


1155
देखली तेरी इमानदारी, दिल...
तू मेरा और...
फिक्र किसी औरकी...?

1154 ख़ामोशियाँ अजीब रिश्ता निभा लब अक्सर खुल आवाज़ शायरी


1154
ख़ामोशियाँ भी,
अजीब रिश्ता निभाती हैं...
लब अक्सर खुलते हैं,
पर कभी आवाज़ नहीं आती हैं...

1153 देख फूल वफा खिल मुरझा शायरी


1153
तुमने अभी देखी ही कहाँ हैं,
हमारी फूलों जैसी वफा,
हम जिसपर खिलते हैं,
उसीपर मुरझा जाते हैं...

1151 बार साथ रिश्ता चोट शायरी


1151
हर बार यहीं,
होता हैं मेरे साथ,
हर एक रिश्ता,
नयी चोट दे जाता हैं !

1152 ज़िन्दगी सफर शिकायत दर्द दर्ज कतारे शायरी


1152
यूँ तो ज़िन्दगी,
तेरे सफरसे शिकायते बहुत थी...
मगर दर्द जब दर्ज कराने पहुँचे,
तो कतारे बहुत थी...!

27 March 2017

1150 प्यार ज़िन्दगी आशना अजनबी बदली ख़बर चाँदनी शायरी


1150
किया हैं प्यार जिसे हमने,
ज़िन्दगीकी तरह;
वो आशना भी मिला हमसे,
अजनबीकी तरह;
किसे ख़बर थी,
बढ़ेगी कुछ और तारीकी;
छुपेगा वो किसी बदलीमें
चाँदनीकी तरह।

1148 खुबसूरत बचपनके उंगलियाँ जुड दिन दोस्ती शुरू शायरी


1148
कितने खुबसूरत हुआ करते थे,
बचपनके वो दिन...
के सिर्फ दो उंगलियाँ जुडनेसे,
दोस्ती फिर शुरू हो जाती थी . . . !

1149 शाम बीत चाहते बेखबर कल शायरी


1149
एक और शाम बीत चली हैं,
उन्हें चाहते हुए...
वो आज भी बेखबर हैं,
बीते हुए कलकी तरह...

1147 जिंदगी गुलशन आबाद हसीन फूल याद बर्बाद शायरी


1147
उजड़े हुए गुलशनको,
फिरसे आबाद मत कर l
उसके हसीन फूलोंको,
तू फिरसे याद मत कर l
जी ले जिंदगीको मन मारकर यूँ ही,
तू अपने हसीन कलको,
फिरसे बर्बाद मत कर...!

1146 जिंदगी मोहब्बत इश्क़ मायने हज़ूर मालुम शायरी


1146
हमें कहाँ मालुम थे,
इश्क़के मायने हज़ूर...
बस वो मिले और,
जिंदगी मोहब्बत बन गयी !!!

26 March 2017

1145 ख़ुशी गम बिक लोग गलतफहमी मरहम शायरी


1145
बिकती हैं ना ख़ुशी कहीं,
ना कहीं गम बिकता हैं...
लोग गलतफहमीमें हैं,
कि शायद कहीं मरहम बिकता हैं...

1144 शुक्र आँसु रंग तकिये राज खोल शायरी


1144
शुक्र हैं खुदा,
इन आँसुओंका,
कोई रंग नहीं होता;
वरना ये तकिये,
हमारे कई राज खोल देते...

1142 वक़्त नूर छोटे जख्म नासूर वक़्त मजबूर चाहत दूर शायरी


1142
वक़्त नूरको बेनूर बना देता हैं,
छोटेसे जख्मको नासूर बना देता हैं,
कौन चाहता हैं अपनोंसे दूर रहना
पर वक़्त सबको मजबूर बना देता हैं . . .

1143 आज लिख पता हैं तू ढुंड अल्फाज शायरी


1143
, आज लिख दूँ,
कुछ तेरे बारेमें...
पता हैं तू ढुंडता हैं खुदको ;
मेरे अल्फाजोंमें...

1141 दिन बीत कहानी यादें निशानी रिश्ते होठ मुस्कान बन आँख पानी शायरी


1141
दिन बीत जाते हैं कहानी बनकर,
यादें रह जाती हैं निशानी बनकर,
पर रिश्ते हमेशां रहते हैं…
कभी होठोंकी मुस्कान बनकर,
तो कभी आँखोंका पानी बनकर… !

25 March 2017

1140 ज़िन्दगी मोहब्बत हसीन नफरत दुनियाँ मोड़ शायरी


1140
बड़ी हसीन थी ज़िन्दगी जब,
ना किसीसे मोहब्बत थी,
ना किसीसे नफरत थी....!
फिर ज़िन्दगीमें एक ऐसा मोड़ आया
कि मोहब्बत एकसे और
नफरत सारी दुनियाँसे हो गयी…!!!

1138 मोहब्बत याद रख फासले शायरी


1138
याद रखते हैं हम आज भी,
उन्हें पहलेकी तरह;
कौन कहता हैं फासले,
मोहब्बतकी याद मिटा देते हैं।

1139 जिंदगी हमसफर पूरी हमसफर चंद लम्हा शायरी


1139
एक हमसफर वो होता हैं,
जो पूरी जिंदगी साथ निभाये..,
और एक हमसफर वो जो,
चंद लम्होमें पूरी जिंदगी दे जाये !

1137 सौदा ख़्वाब नींद शायरी


1137
सौदा कुछ ऐसा किया हैं
तेरे ख़्वाबोंने मेरी नींदोंसे,
या तो दोनों आते हैं,
या कोई नहीं आता...।

1136 घड़ी फितरत अजीब टिक शायरी


1136
घड़ीकी फितरत भी अजीब हैं,
हमेशा टिक-टिक कहती हैं,
मगर...,
ना खुद टिकती हैं और
ना दूसरोंको टिकने देती हैं !