2246
अगर तुम्हें यकीं नहीं,
तो कहनेको कुछ नहीं मेरे पास,
अगर तुम्हें यकीं हैं,
तो मुझे कुछ कहनेकी जरूरत नहीं !
2247
चलो अब जाने भी दो ,
क्या करोगे दास्ताँ सुनकर...
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं,
और बयाँ हमसे होगा नहीं !!!
2248
चले जायेंगे आपको,
आपके हालपर छोड़कर...
कदर क्या होती हैं,
आपको वक़्त सिखा देगा !
2249
जहरसे खतरनाक हैं,
यह मोहब्बत,
जरासा कोई चखले,
तो मरमरके जीता हैं !
2250
नजरोंसे दूर होकर भी,
यूँ तेरा रूबरू रहना;
किसीके पास रहनेका सलीका हो,
तो तुमसा हो...