14 January 2018

2221 - 2225 दिल मोहब्बत ज़िन्दगी बात बयां साँस अहसास आरजू बारिश ख्वाब मुलाकात कसक नफरत शायरी


2221
कब तलक़ बयां करूँ,
दिलकी बात....!
हर साँसमें अब तेरा,
अहसास आ जाता हैं...!

2222
भटकनेकी आरजू किसको हैं...
जो वो मिल जायें तो ठहर जाऊ मैं !!!

2223
उसे बारिशमें भीगना,
अच्छा लगता हैं,
ओर मुझे सिर्फ़ .....
बारिशमें भीगती हुई वो .......

2224
बीते हुए लम्होंकी,
कसक साथ तो होगी,
ख्वाबोंमें ही चाहे,
मुलाकात तो होगी ।

2225
तुम्हारी नफरतपर भी,
लूटा दी ज़िन्दगी हमने,
तुम ही सोचो अगर,
तुम मोहब्बत करते ...
तो हम क्या करते .......!

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