1 January 2018

2156 - 2160 ज़िंदगी मौत शिकायत मंजूर हाँसिल दर काबिल शक्स दुश्मनी मोहब्बत बर्बाद अधूरा लाज़मी शायरी


2156
लोगोंने कुछ दिया,
तो सुनाया भी बहुत कुछ !!
ऐ खुदा...
एक तेरा ही दर हैं,
जहां कभी ताना नहीं मिला

2157
"कौन पूरी तरह काबिल हैं...
कौन पूरी तरह पूरा हैं...
हर एक शक्स कहीं न कहीं...
किसी जगह थोड़ासा अधूरा हैं...

2158
लाज़मी नहीं हैं कि हर किसीको,
मौत ही छूकर निकले....
किसी किसीको छूकर,
ज़िंदगी भी निकल जाती हैं...

2159
शिकायत खुदसे भी हैं
और खुदासे भी,
जो मिलता हैं वो मंजूर नहीं
और जिसे चाहो वो हाँसिल नहीं !

2160
मेरा कुछ ना बिगाड़ सकोगे,
तुम मुझसे दुश्मनी करके,
मुझे बर्बाद करना चाहते हो तो,
मुझसे मोहब्बत कर लो...

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