23 January 2018

2266 - 2270 प्यार रिश्ता याद बरस नाकाम मौसम अदा दिलखुश खुशियाँ भी तरस बातें अजीब ग़म चाह शायरी


2266
उन्होंने तो मुझे,
जी भरकर चाहा.....
पर नहीं पता था कि,
अब उनका मुझसे जी भर गया...

2267
नाकाम हुए हम दोनों,
बहोत बुरी तरहसे,
तुम हमें चाह ना सके और,
हम तुम्हे पा ना सके !

2268
मौसम आज तेरी अदापर,
दिलखुश हो गया...।
याद उसकी मुझे आई...,
और बरस तू गया...॥

2269
खुशियाँ भी तरसती हैं,
मुझसे मिलनेको...
और ग़म तो जैसे,
कोई जिगरी यार हो मेरा...

2270
प्यारका रिश्ता भी,
कितना अजीब होता हैं,
मिल जाये तो बातें लंबी...
और बिछड़ जायें तो यादें लंबी.......

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