15 January 2018

2226 - 2230 दिल प्यार इश्क़ मोहब्बत इक़रार इनकार नजर जमाने बारीश आँख कोशिश दीवाने अंदाज चौखट शायरी


2226
कभी इतना मत मुस्कुराना की,
नजर लग जाए जमानेकी;
हर आँख मेरी तरह,
मोहब्बत की नही होती...!

2227
प्यार बारीशकी बुंदोकी तरह हैं,
जिसको छुनेकी कोशिशमें,
हथेलियाँ तो गीली हो जाती हैं...
पर हाथ हमेशा खाली ही रहते हैं !

2228
हमारे इश्क़का अंदाज,
कुछ अजीबसा था,
लोग इंसान देखकर मोहब्बत करते हैं,
हमने मोहब्बत करके इंसान देख लिया...

2229
गिरते हुए आँसुओंको,
कौन देखता हैं...
झूठी मुस्कानके,
दीवाने हैं सब यहाँ...

2230
उनकी चौखटपें जाना हैं,
अब थम जा, ए दिल...
वहाँ इक़रारभी हों सकता हैं,
इनकार भी.......

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