8 January 2018

2191 - 2195 दिल ज़िन्दगी दुनियाँ सुकून इजाजत मतलबी तन्हाई कब्जा जुदाई लकीरे वक़्त खुबसूरत याद शायरी


2191
अब कटेगी,
ज़िन्दगी सुकूनसे...
अब हम भी,
मतलबी हो गए हैं...

2192
हम दोनो मिल बैठेंगे,
तो रात गुजर ही जायगी...
तन्हाईका ये कहना,
मुझे अच्छा लगता हैं.......

2193
दिलमें रहनेकी,
इजाजत नहीं मांगी जाती...
ये तो वो जगह हैं,
जहाँ कब्जा किया जाता हैं... !

2194
उसे तो खो दिया,
अब ना जाने किसे खोना हैं...
हाथोंमें जुदाईकी लकीरे,
अब भी बाकी हैं...

2195
कितनी खुबसूरतसी,
हो जाती हैं उस वक़्त दुनियाँ...,
जब हमारा अपना कोई कहता हैं तुम
याद आ रहे हो.......!

No comments:

Post a Comment