12 January 2018

2211 - 2215 याद पल जिन्दगी सवाल वक्त हालात सलामत फरियाद ख़ुशी ख्यालात साहिल शायरी


2211
"साहिलपें बैठे यूँ सोचता हूँ आज,
कौन ज़्यादा मजबूर हैं...?
ये किनारा, जो चल नहीं सकता,
या वो लहर, जो ठहर नहीं सकती...!!!"

2212
क्या करुंगा......
तेरे शीशमहलमें आकर,
जितने तेरे आईने हैं...
उतने मेरे चहेरे नहीं !

2213
जिन्दगीने सवालात बदल डाले,
वक्तने हालात बदल डाले,
हम तो आज भी वहीं हैं जो कल थे,
बस लोगोंने अपने ख्यालात बदल डाले।

2214
रहे सलामत जिन्दगी उनकी ,
जो मेरी ख़ुशीकी फरियाद करते हैं...
ऐ खुदा उनकी जिन्दगी खुशियोंसे भरदे ,
जो मुझे याद करनेमें ,
अपना एक पल बर्बाद करते हैं...

2215
कोशिश करो की
जिन्दगीका हर लम्हा
अच्छेसे गुजरे
क्योकि
जिन्दगी नहीं रहती पर
"अच्छी यादें"
हमेशा जिन्दा रहती हैं...!

No comments:

Post a Comment