1 January 2018

2151 - 2155 इश्क दिल मुहबत साँस याद इंतजार महफिल तस्वीर नजर सलाम निगाहें चेहरे मर्जी राज बात खुशबु तसल्ली एहसास शायरी


2151
जब रातको आपकी याद आती हैं,
सितारोंमें आपकी तस्वीर नजर आती हैं,
खोजती हैं निगाहें उस चेहरेको...
यादमें जिसकी सुबह हो जाती हैं.......

2152
उनकी जब मर्जी होती हैं,
वो हमसे बात करते हैं......!
हमारा पागलपन तो देखिये.....!
हम पूरा दिन उनकी मर्जीका
इंतजार करते हैं.......!

2153
यूँ भी तो राज खुल जाऐगा,
अपनी मुहबतका एक दिन...!
महफिलमें हमें छोड़ कर,
सबको जो सलाम करते हो...!!!

2154
चुपकेसे आकर इस दिलमें उतर जाते हो;
साँसोंमें मेरी खुशबु बनके बिखर जाते हो;
कुछ यूँ चला हैं तेरे 'इश्क' का जादू;
सोते-जागते तुम ही तुम नज़र आते हो।

2155
दिलको तसल्ली हैं...
कि वो याद करते हैं
पर बात नहीं करेंगे तो...
एहसास कैसे होगा.......!

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