2161
बेवजह हैं...
तभी तो दोस्ती हैं,
वजह होती तो.....
साज़िश होती.......
2162
रौशनीके लिए दिया जलता हैं,
शमाके लिए परवाना जलता हैं,
कोई दोस्त न हो तो दिल जलता हैं,
और दोस्त आप जैसा हो जो ज़माना जलता हैं !
2163
दोस्ती इन्सानकी ज़रुरत हैं,
दिलोंपर दोस्तीकी हुकुमत हैं,
आपके प्यारकी वजहसे जिंदा हूँ,
वरना खुदाको भी हमारी ज़रुरत हैं !
2164
समुंदर ना हो तो कश्ती किस काम कीं,
मजाक ना हो तो मस्ती किस काम की,
दोस्तोंके लिए तो कुर्बान हैं ये जिंदगी,
अगर दोस्त ही ना हो तो फिर ये जिंदगी किस कामकी...
2165
मौसम बहुत सर्द हैं.....
चल ए दोस्त ...
गलतफहमियोंको ,
आग लगाते हैं !
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